सीओपीडी दिवस : एक सिगरेट पीने से छह मिनट कम हो रही जिदगी

सीओपीडी फेफड़ों की प्राण घातक बीमारी है। यह सांस की नली में होती है। विशेषज्ञों की मानें तो मीडियम साइज की एक सिगरेट पीने से व्यक्ति की छह मिनट की जिदगी कम हो जाती है क्योंकि सिगरेट में चार हजार हानिकारक तत्व होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 08:00 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 08:00 AM (IST)
सीओपीडी दिवस : एक सिगरेट पीने से छह मिनट कम हो रही जिदगी
सीओपीडी दिवस : एक सिगरेट पीने से छह मिनट कम हो रही जिदगी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

सीओपीडी फेफड़ों की प्राण घातक बीमारी है। यह सांस की नली में होती है। विशेषज्ञों की मानें, तो मीडियम साइज की एक सिगरेट पीने से व्यक्ति की छह मिनट की जिदगी कम हो जाती है, क्योंकि सिगरेट में चार हजार हानिकारक तत्व होते हैं। इसमें मुख्य रूप से निकोटिन, तार, कार्बन मोनोक्साइड, आरसेनिक और कैडमियम होता है। इसके अलावा दूसरा मुख्य कारण वायु प्रदूषण, चिमनी से निकलने वाला धुंआ व गोबर के उपले से निकलने वाले हानिकारक तत्व भी सीओपीडी का मुख्य कारण है।

चार स्टेज होती हैं सीओपीडी की :

चिकित्साधीक्षक डॉ. विजय दहिया ने बताया कि सीओपीडी की चार स्टेज होती है। पहली स्टेज में सुबह के समय खांसी आना और गले में खिचखिच होना होता है। दूसरी स्टेज में दौड़ते-भागते सांस का फूलना और बलगम आना होता है। घर की नित-क्रिया जैसे नहाना व कपड़े पहनने आदि में यदि सांस फूलती है, तो स्थिति चिताजनक मानी जाती है। इसके अलावा हाथ व पैर में सूजन आना भी इस रोग की श्रेणी में आता है।

धूम्रपान है बड़ी वजह :

दरअसल, युवा पीढ़ी शौक के तौर पर धूम्रपान शुरू करते हैं, मगर बाद में उनका यही शौक लत में बदल जाता है। धूम्रपान से फेफड़ों में दिक्कत आने लगती है और युवा सीओपीडी की चपेट में आ जाता है। इससे बचाव के लिए धूम्रपान का त्याग करना ही जरूरी है। जरा भी दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह पर उपचार शुरू कर देना चाहिए।

सिपला कंपनी ने भी लगाया जांच शिविर :

सिपला कंपनी के सहयोग से विश्व सीओपीडी दिवस के उपलक्ष्य में निशुल्क जांच शिविर लगाया गया। जिसमें मरीजों की निशुल्क जांच की गई। कंपनी के प्रतिनिधि दीपक भाटिया व प्रमोद ने मरीजों को फेफड़ों की बीमारियों व उनसे बचाव की जानकारी दी।

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