प्लाईवुड फैक्ट्री के साझेदारों में विवाद, चार पर मारपीट कर सामान जबरन बेचने का आरोप

पांसरा निवासी यशपाल व सरदीप ने फैक्ट्री के बदले एक करोड़ 24 लाख रुपये देने तय किए थे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 06:40 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 06:40 AM (IST)
प्लाईवुड फैक्ट्री के साझेदारों में विवाद, चार पर मारपीट कर सामान जबरन बेचने का आरोप
प्लाईवुड फैक्ट्री के साझेदारों में विवाद, चार पर मारपीट कर सामान जबरन बेचने का आरोप

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

पांसरा में फैक्ट्री को लेकर साझेदारों के बीच विवाद हो गया। पहले दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से बंटवारा किया। जिसमें पांसरा निवासी यशपाल व सरदीप ने फैक्ट्री के बदले एक करोड़ 24 लाख रुपये देने तय किए थे। आरोप है कि बाद में वह मुकर गए और कोई पैसा नहीं दिया। फैक्ट्री से भी माल बेच दिया। जब विरोध किया, तो आरोपितों ने अपने परिवार के मनीष व श्यामलाल के साथ मिलकर मारपीट की। मामले में पुलिस ने सेक्टर-17 निवासी उमा रानी की शिकायत पर सदर यमुनानगर थाना में केस दर्ज हुआ।

पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, सेक्टर-17 निवासी उमा रानी व मयंक गुप्ता ने पांसरा निवासी यशपाल व सरदीप कुमार के साथ मिलकर साझेदारी में मैसर्स आर सिंह लैमिनेट्स इंडस्ट्रीज के नाम से प्लाईवुड व लैमिनेट्स की फैक्ट्री लगाई थी। इसकी एक जनवरी 2019 को डीड तैयार कराई थी। इसमें वह 50-50 फीसद के हिस्सेदार थे। शुरूआत में व्यापार ठीक चलता रहा। बाद में यशपाल व सरदीप के मन में बेईमाना आ गया और वे फैक्ट्री में रखे स्टॉक को हड़पने की साजिशें रचने लगे। स्टॉक में गड़बड़ी करने लगे। जब इस बारे में पता लगा, तो आरोपितों के साथ फैक्ट्री का हिसाब किताब निपटाने के लिए कहा। जिस पर 29 दिसंबर 2020 को दोनों पक्षों के बीच बैठक हुई। जिसमें आरोपितों से कहा कि वह अपने हिस्से के एक करोड़ 24 लाख रुपये देंगे। 14 लाख रुपये दस दिन में देने की बात तय हुई। शेष पैसा एक करोड़ दस लाख रुपये के बदले में फैक्ट्री के सामने दो एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराने की बात तय हुई। साथ ही तय हुआ कि जब तक जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो जाती, तब तक फैक्ट्री में पड़ा हुआ कोई भी कच्चा माल या तैयार माल या कोई भी मशीनरी नहीं बेचेंगे। आरोप है कि आरोपितों ने न तो पैसा दिया और न ही जमीन की रजिस्ट्री कराई। 16 फरवरी 2021 को मयंक के पिता नरेश कुमार फैक्ट्री में गए, तो यहां से तीन करोड़ रुपये का स्टॉक गायब मिला। जब आरोपितों से इस बारे में पूछताछ की, तो वह गाली गलौज करते हुए मारपीट करने लगे। पैसा देने से भी आरोपितों ने इन्कार कर दिया।

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