यमुना नदी का प्राकृतिक बहाव मोड़कर खनन कर रहे ठेकेदार, कई गांवों को खतरा

एनजीटी की सख्ती के बावजूद यमुना नदी का प्राकृतिक बहाव रोककर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 05:06 AM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 05:06 AM (IST)
यमुना नदी का प्राकृतिक बहाव मोड़कर खनन कर रहे ठेकेदार, कई गांवों को खतरा
यमुना नदी का प्राकृतिक बहाव मोड़कर खनन कर रहे ठेकेदार, कई गांवों को खतरा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : एनजीटी की सख्ती के बावजूद यमुना नदी का प्राकृतिक बहाव रोककर खनन किया जा रहा है। मामला गुमथला क्षेत्र के मॉडल टाउन करेहड़ा घाट का है। आरोप है कि जब से खनन खुला है तब से ऐसा ही हो रहा है। सरेआम पोकलेन मशीन से यह खेल खेला जा रहा है। शिकायत किए जाने के बाद प्रशासनिक टीम मौके पर जरूर पहुंचती है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती। दूसरे घाटों पर यह मामला कई बार सामने आ चुका है। ग्रामीणों ने अब इसकी शिकायत सीएम, निदेशक खनन विभाग व डीसी को भेजी है। कई गांवों की जमीन को खतरा

शिकायतकर्ता मॉडल टाउन निवासी शिव कुमार चौहान ने बताया कि यमुना नदी के मॉडल टाउन करेहड़ा घाट पर नियमों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है। यहां यमुना के बीचोबीच पोकलेन मशीन से प्राकृतिक बहाव रोका जा रहा है। कटाव होने के कारण आसपास के कई गांवों की जमीन को खतरा है। मॉडल टाउन करेहड़ा, संधाला, संधाली, लाल छप्पर सहित अन्य कई गांवों की जमीन यमुना के दोनों ओर है। उनका कहना है कि बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया। इन दिनों भी पानी का बहाव रोका जा रहा है।

जन सुनवाई के दौरान तय शर्तों पर नहीं अमल

शिकायतकर्ता का कहना है कि खनन का ठेका होने से पहले प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुई जन सुनवाई के दौरान तय शर्तों पर अमल नहीं किया जा रहा है। न तो खनन नियमों के अनुरूप हो रहा है और न ही पर्यावरण संरक्षण का ख्याल रखा जा रहा है। तीन वर्ष से ऐसा हो रहा है। अब से पहले अलग-अलग जगह छह बार शिकायत दी जा चुकी है। ग्राम पंचायत पर भी आरोप लग रहे हैं। उनका कहना है कि सरपंच ने बिना ग्राम सभा बुलाई पंचायती जमीन भी खनन के लिए ठेके पर दे दी। हादसों का रहता भय

खनन ठेकेदार मनमानी से खनन करते हैं। कितनी गहराई तक खनन करना है, इसका कोई मापदंड नहीं है। कई जगह तो पोकलेन से गहरे कुंड बना दिए गए हैं। क्षेत्र के लोग यमुना पार कर अपने खेतों में जाते हैं। गहरे कुंड होने के कारण हादसों का भय बना रहता है। विशेष अवसरों के दौरान पूजा अर्चना करने पहुंचे कई श्रद्धालु जान भी गंवा बैठे हैं।

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