रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्थाएं हावी, पीने के पानी से लेकर टिकट की मशीनें पड़ी खराब

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : यमुनानगर जगाधरी रेलवे स्टेशन पर यमुनानगर जगाधरी रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्थाएं हावी हैं। स्टेशन पर सफाई व्यवस्था बदहाल है। न तो सुरक्षा का कोई प्रबंध हैं और न ही कोई नियम। स्टेशन पर यात्री भी नियम तोड़ रहे हैं। पुल से होकर गुजरने के बजाय रेलवे ट्रैक पार कर निकल रहे हैं। न तो उन्हें रोकने के लिए पुलिस है और न ही कोई अन्य स्टाफ। कही यात्री रेलवे की पटरियों पर बैठे हैं, तो कही गंदगी के बीच लेटकर ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे हैं। किसी की ट्रेन एक घंटा लेट है, तो कोई बरसात की वजह से दो घंटे पहले ही स्टेशन पर आ गया। अब यहां इंतजार कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 01:23 AM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 01:23 AM (IST)
रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्थाएं हावी,  पीने के पानी से लेकर टिकट की मशीनें पड़ी खराब
रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्थाएं हावी, पीने के पानी से लेकर टिकट की मशीनें पड़ी खराब

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : यमुनानगर जगाधरी रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्थाएं हावी हैं। स्टेशन पर सफाई व्यवस्था बदहाल है। न तो सुरक्षा का कोई प्रबंध हैं और न ही कोई नियम। स्टेशन पर यात्री भी नियम तोड़ रहे हैं। पुल से होकर गुजरने के बजाय रेलवे ट्रैक पार कर निकल रहे हैं। न तो उन्हें रोकने के लिए पुलिस है और न ही कोई अन्य स्टाफ। कही यात्री रेलवे की पटरियों पर बैठे हैं, तो कही गंदगी के बीच लेटकर ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे हैं। किसी की ट्रेन एक घंटा लेट है, तो कोई बरसात की वजह से दो घंटे पहले ही स्टेशन पर आ गया। अब यहां इंतजार कर रहा है। गौरतलब है कि स्टेशन से हर रोज ढाई से तीन हजार यात्री सफर करते हैं।

दोपहर साढ़े 12 बजे : स्टेशन के टिकट काउंटर पर आठ दस यात्री लाइन में लगे हैं। वह टिकट ले रहे हैं। काउंटर के हॉल में 25 से 30 यात्री बैठे हैं, वह ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। पूछताछ केंद्र पर भी चार लोग खड़े हैं। वह ट्रेन के आने का समय पूछ रहे हैं। वही पर बने हॉल में कुछ यात्री लेटे हुए हैं। बरसात की वजह से हॉल पूरी तरह से गीला हो चुका है। एक साइड में कुछ यात्री लेटे हुए हैं। पूछने पर पता लगा कि उन्हें दिल्ली जाना है। वहां से दूसरी ट्रेन पकड़ेंगे। दो घंटे से यहां पर इंतजार कर रहे हैं।

एक बजे : दो व तीन नंबर स्टेशन पर यात्री शेड के नीचे बैठे हैं। ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे हैं। पुल से गुजरते हैं, तो वहां पर बरसात की वजह से पानी पड़ा हुआ है। हालांकि पानी अधिक नहीं है। इसके बावजूद भी यात्री पुल से आने की बजाय रेलवे ट्रैक ही पार कर दूसरी और जा रहे हैं। कुछ युवक आते हैं, वह ट्रैक पार करते हैं। उनके पीछे दो महिलाएं बैग लेकर आती हैं, दोनों ट्रैक ही पार कर दूसरी ओर पहुंचती हैं।

एक बजकर 30 मिनट : रेलवे ट्रैक के पास देखते हैं, तो वहां पर गंदगी फैली पड़ी है। ट्रैक पर पॉलीथिन व डिस्पोजल पड़े हुए हैं। कही पर बचा हुआ खाना पड़ा है। पीने के पानी की लगी टंकियों के हौज में गंदगी है। कही पर तंबाकू थूका हुआ है, तो कही पर डिस्पोजल हौज में पड़े हैं। सिक्का डालकर पीने के पानी के लिए लगाई गई दोनों मशीनें खराब पड़ी हैं। वहां पर ठेकेदार के कर्मचारी तैनात हैं। पूछने पर पता लगा कि मशीनें खराब हो चुकी है। कुछ लोग इसमें पांच रुपये का मोटा सिक्का डाल देते हैं। इस वजह से यह खराब हो चुकी हैं। अब पानी हम खुद ही देते हैं। एक माह से यह मशीनें खराब पड़ी है। बाद में इन्हें ठीक तक नहीं कराया गया।

दो बजे : एक नंबर रेलवे स्टेशन पर कर्मचारी बिजली का पंखा ठीक कर रहा है। जबकि स्टेशन पर बने प्रतीक्षालय का गेट बंद पड़ा है। उस पर ताला नहीं लगा, लेकिन बाहर से कुंडी बंद है। स्टेशन पर दो मशीनें टिकट के लिए एवीटीएम लगी हैं। दोनों ही खराब पड़ी है। पूछने पर पता लगा कि दोनों मशीनें सात-आठ माह से खराब पड़ी हैं। स्टेशन से बाहर आकर देखा, तो वहां पर बने बाथरूम में गंदगी फैली है। हालात ऐसी है कि उसके पास से गुजर भी नहीं सकते। स्टेशन के सामने ही गाड़ियों की लाइन लगी हैं।

फोटो : 10ए

1. गोरखपुर जाना है। दो घंटे से यहां पर ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। ट्रेन का समय डेढ़ बजे का है। अभी पता नहीं ट्रेन किस समय आएगी।

राजकुमार, जगाधरी

फोटो : 10बी

2. अपने जानकार को स्टेशन पर छोड़ने आया था। यहां आकर पता लगा कि ट्रेन लेट है। एक घंटे से इंतजार कर रहे हैं। ट्रेन आए, तो उसे बिठाकर चले जाएंगे।

विजय कुमार, जगाधरी।

फोटो : 10सी

3. यहां प्लाइवुड फैक्ट्री में नौकरी करता था। अब नौकरी छोड़कर अपने शहर छपरा जा रहा हूं। डेढ़ बजे ट्रेन आनी थी, अभी तक नहीं आई। बरसात की वजह से एक घंटा पहले स्टेशन पर आ गया था।

राजू, छपरा।

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