सीएम फ्लाइंग को पता है पुराने से नया गुड़ बन रहा है, जिले के अधिकारी देख रहे तमाशा

जिले में पुराने व सड़े हुए गुड़ से नया गुड़ बनाने का कारोबार चल रहा है। इसका सीएम फ्लाइंग की टीम को तो पता है परंतु जिले के किसी भी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं है। भनक नहीं है या फिर वह जानबूझ कर सब होने दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 08:18 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 08:18 AM (IST)
सीएम फ्लाइंग को पता है पुराने से नया गुड़ बन रहा है, जिले के अधिकारी देख रहे तमाशा
सीएम फ्लाइंग को पता है पुराने से नया गुड़ बन रहा है, जिले के अधिकारी देख रहे तमाशा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जिले में पुराने व सड़े हुए गुड़ से नया गुड़ बनाने का कारोबार चल रहा है। इसका सीएम फ्लाइंग की टीम को तो पता है, परंतु जिले के किसी भी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं है। भनक नहीं है या फिर वह जानबूझ कर सब होने दे रहे हैं। घटिया गुड़ बनाने वालों पर कार्रवाई नहीं करते। सीएम फ्लाइंग की टीम ने छापा मार कर स्थानीय अधिकारियों को आइना दिखाने का काम किया है। बता दे कि बिलासपुर में एसडीएम, डीएसपी सहित अन्य अधिकारियों के कार्यालय भी है। तब भी यह हाल है।

जुलाई माह से चल रहा है काम

गुड़ एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं। क्योंकि इसमें चीनी नहीं होती। परंतु गर्मियों के बाद जैसे ही मानसून सीजन शुरू होता है तो गुड़ खराब होने लगता है। यह चिपक जाता है। यहां तक की इसमें कीड़े भी पड़ जाते हैं। जिस कारण इसकी बिक्री नहीं हो पाती। जिससे उन्हें नुकसान होने लगता है। इसी नुकसान से बचने के लिए यह खेल खेला जाता है। पुराने गुड़ को गन्ना क्रेशर पर पका कर नया बना दिया जाता है। इसकी मिठास बढ़ाने के लिए इसमें चीनी मिलाई जाती है। हानिकारक केमिकल व रंगों का इस्तेमाल कर इसे ऐसा बना दिया जाता है जैसे यह कभी खराब ही नहीं हुआ हो। बिलासपुर, मछरौली, जगाधरी रोड, साढौरा रोड व छछरौली क्षेत्र में जुलाई माह से पुराने गुड़ को चीनी मिलाकर नया बनाने का काम चल रहा है। परंतु किसी पर कोई कार्रवाई किसी अधिकारी ने नहीं की है।

सीएमओ से लेकर सीएम तक शिकायत भेजी: धर्मपाल चौहान

गांव मारवा खुर्द निवासी एडवोकेट धर्मपाल सिंह चौहान का कहना है कि गन्ना क्रेशर व चरखियों पर इस वक्त पुराने गुड़ को नया बनाने का काम जोरों से चल रहा है। उन्होंने इसकी शिकायत सीएमओ, एसडीएम, फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी तक सभी को लिखित में शिकायत दी। परंतु कोई भी इन पर कार्रवाई नहीं करता। जब मामला बढ़ जाता है तो कभी कभार रिकार्ड पूरा करने के लिए किसी क्रेशर पर जांच कर लेते हैं। इससे अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठते हैं। यह मिलावटी गुड़ स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक है। इन पर कार्रवाई होनी चाहिए।

बिलासपुर क्षेत्र में सबसे ज्यादा क्रेशर

जिला में सबसे ज्यादा गन्ना क्रेशर व चरखियां बिलासपुर क्षेत्र में है। इनकी संख्या 150 से 200 है। जबकि छछरौली, रादौर, साढौरा क्षेत्र में भी अच्छी खासी संख्या में क्रेशर हैं। रात को क्रेशरों पर चीनी वाला मिलावटी गुड़ तैयार किया रहा है। फिर भी अधिकारी किसी पर कार्रवाई करने की जहमत तक नहीं उठाते।

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