कोरोना महामारी में डेढ़ साल बाद लगी पहली से 12वीं कक्षा तक की कक्षाएं, अपेक्षा से कम विद्यार्थी पहुंचे

कोरोना महामारी में करीब डेढ़ साल बाद राजकीय व निजी स्कूलों में पहली बार कक्षा एक से 12वीं तक की कक्षाएं लगी। पहली से तीसरी कक्षा के बच्चे भी सोमवार को स्कूलों में पढ़ने के लिए पहुंचे। हालांकि पहले दिन बच्चों की हाजिरी बहुत कम रही। कई स्कूलों में तो इन कक्षाओं के तीन से 10 विद्यार्थी ही पहुंचे। शिक्षा विभाग की तरफ से 50 फीसद बच्चों को ही बुलाया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 06:33 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 06:33 AM (IST)
कोरोना महामारी में डेढ़ साल बाद लगी पहली से 12वीं कक्षा तक की कक्षाएं, अपेक्षा से कम विद्यार्थी पहुंचे
कोरोना महामारी में डेढ़ साल बाद लगी पहली से 12वीं कक्षा तक की कक्षाएं, अपेक्षा से कम विद्यार्थी पहुंचे

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना महामारी में करीब डेढ़ साल बाद राजकीय व निजी स्कूलों में पहली बार कक्षा एक से 12वीं तक की कक्षाएं लगी। पहली से तीसरी कक्षा के बच्चे भी सोमवार को स्कूलों में पढ़ने के लिए पहुंचे। हालांकि पहले दिन बच्चों की हाजिरी बहुत कम रही। कई स्कूलों में तो इन कक्षाओं के तीन से 10 विद्यार्थी ही पहुंचे। शिक्षा विभाग की तरफ से 50 फीसद बच्चों को ही बुलाया गया था। परंतु इनमें से भी 25 से 30 फीसद बच्चे ही स्कूल में आए। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में धीरे-धीरे बच्चों की संख्या में वृद्धि होगी।

राजकीय आदर्श संस्कृति प्राइमरी स्कूल (अंग्रेजी माध्यम) के हेड टीचर राजेश कोतरा ने बताया कि पहले दिन बहुत कम बच्चे स्कूल में पढ़ने पहुंचे। अभी सभी अभिभावकों को पता भी नही है कि छोटे बच्चों के लिए स्कूल खुल गए हैं। वहीं ऐसे भी लोग हैं जो बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चितित हैं। परंतु आने वाले दिनों में धीरे-धीरे बच्चों की संख्या में वृद्धि देखने को मिलेगी।जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं उन्हें घर पर ही आनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। पहली से तीसरी कक्षा में बच्चे बहुत छोटे हैं। ऐसे में छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि अभी बच्चों से कहा गया है कि वह एक दूसरे के ज्यादा संपर्क में न आएं।

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामदिया गागट ने बताया कि फिलहाल एक बैंच पर एक ही बच्चे को बिठाया जा रहा है। उन्हें कहा गया है कि वह एक दूसरे के सामान को शेयर करने से बचे। स्कूल में आने वाले बच्चे को चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य है। विभाग ने पहले ही कक्षाओं को सैनिटाइज करवा दिया था। आने वाले दिनों में बच्चों की संख्या में वृद्धि होगी। सभी स्कूल इंचार्ज से कहा गया है कि वह बच्चों की संख्या के हिसाब से खुद ही उनके स्कूल आने का शेड्यूल बनाएं ताकि ज्यादा भीड़ न हो।

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