बच्चों ने मनाई शरद पूर्णिमा

महाराजा अग्रसेन सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल गुमथला राव में महर्षि वाल्मीकि की जयंती व शरद पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इसमें कक्षा प्री नर्सरी से कक्षा चौथी तक के सभी बच्चे घर से अपने अपने गरबड़ों को सजाकर लाए। कक्षा पांचवीं से कक्षा आठवीं तक के छात्रों ने घर से लेकर आए गरबड़ों को स्कूल में आकर रंगों से सजाया। कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के सभी बच्चों ने महर्षि वाल्मीकि के पोर्टरेट बनाए और विद्यालय को अपने द्वारा लाई गई लड़ियों से डेकोरेट किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 06:00 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 06:00 PM (IST)
बच्चों ने मनाई शरद पूर्णिमा
बच्चों ने मनाई शरद पूर्णिमा

संवाद सहयोगी, रादौर :

महाराजा अग्रसेन सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल गुमथला राव में महर्षि वाल्मीकि की जयंती व शरद पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इसमें कक्षा प्री नर्सरी से कक्षा चौथी तक के सभी बच्चे घर से अपने अपने गरबड़ों को सजाकर लाए। कक्षा पांचवीं से कक्षा आठवीं तक के छात्रों ने घर से लेकर आए गरबड़ों को स्कूल में आकर रंगों से सजाया। कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के सभी बच्चों ने महर्षि वाल्मीकि के पोर्टरेट बनाए और विद्यालय को अपने द्वारा लाई गई लड़ियों से डेकोरेट किया।

इस दौरान स्कूल के प्रबंधक डा. सुदेश बंसल ने छात्रों को बधाई दी और उनके गड़बड़ो में शगुन रखकर दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों के आयोजन से बच्चों में अपने धर्म व संस्कृति के बारे ज्ञान प्राप्त होता है। इसलिए इस प्रकार की गतिविधियों का आयोजन जरूरी है। इस अवसर पर अध्यापिका अरुणा शर्मा, विषा कंबोज, किरण ,अशोक, धर्मवीर, मनीष, रश्मि, नीतू, पूजा, सुषमा, वंदना, दिव्या, ज्योति, अतिका, प्रियंका, मीनाक्षी, नेहा सिगला, मनोज, गरिमा, रोमा और रजनी इत्यादि ने अपना सहयोग दिया। उन्हेड़ी में हवन यज्ञ व भंडारे का आयोजन

संवाद सहयोगी, रादौर : गांव उन्हेड़ी में वाल्मीकि जयंती मनाई गई। इस अवसर पर ग्रामीणों ने हवन यज्ञ व भंडारे का आयोजन किया। हवन में आहुति डालकर क्षेत्र के लोगों की सुख समृद्धि की कामना की गई। कार्यक्रम में मोहित राणा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। यहां पहुंचने पर आयोजकों की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। मोहित राणा ने कहा कि भगवान वाल्मीकि ने दुनिया को मानवता की राह दिखाई। उनकी शिक्षाओं के अनुशरण से हम समाज में भाईचारे की भावना को बढ़ा सकते है। इसलिए आज सभी धर्मों के लोग उनका सम्मान करते है। हमें उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर विशाल वाल्मीकि, विक्रांत वाल्मीकि, सिनी कुमार, प्रमोद वाल्मीकि, अमीश वाल्मीकि, अशोक वाल्मीकि इत्यादि उपस्थित थे।

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