खाली पड़े प्लॉटों में गंदगी के ढेर, नालियों में बहता केमिकल युक्त पानी

वार्ड नंबर-6 में विकास कार्यों पर कई करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद कुछ समस्याएं हैं जिनका समाधान वार्ड के लोग चाह रहे हैं। बड़ी समस्या पानी की निकासी की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Dec 2018 11:00 PM (IST) Updated:Thu, 13 Dec 2018 11:00 PM (IST)
खाली पड़े प्लॉटों में गंदगी के ढेर, नालियों में बहता केमिकल युक्त पानी
खाली पड़े प्लॉटों में गंदगी के ढेर, नालियों में बहता केमिकल युक्त पानी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वार्ड नंबर-6 में विकास कार्यों पर कई करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद कुछ समस्याएं हैं जिनका समाधान वार्ड के लोग चाह रहे हैं। बड़ी समस्या पानी की निकासी की है। हालांकि इस समस्या के समाधान के लिए जगाधरी शहर की निकासी परवालों स्थित एसटीपी में डाइवर्ट कर दी है, लेकिन अभी इसके सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं। उम्मीद है भविष्य में इसका समाधान हो जाएगा। सफाई का मुद्दा भी बड़ा है। वार्ड की कई कॉलोनियों में पशु डेयरियां चल रही हैं। खाली पड़े प्लॉटों में गोबर के ढेर हैं और गलियां भी कच्ची पड़ी हैं। इनसेट

ये हुए कार्य

वार्ड की आबादी करीब 22 हजार है। कई छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां व बड़े शिक्षण संस्थान भी हैं। वार्ड में मुख्य रूप से 30 लाख रुपये से छोटी लाइन से सफायर रोड तक सड़क का निर्माण, वाल्मीकि बस्ती में कम्युनिटी सेंटर, दो ट्यूबवेल, छोटी लाइन पर नाला कवर करवाया, मटका चौक से गुरुनानक पुरा तक सड़क, हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनी में 65 लाख रुपये से गलियों, नालियों व सड़कों का निर्माण शामिल है। कई कार्यों के एस्टीमेट बनाकर निगम को दिए हुए हैं, लेकिन टेंडर नहीं लग पाए। इनमें हाउस की बैठक में पास हुए 50-50 लाख रुपये कार्य भी शामिल हैं।

इन समस्याओं का समाधान जरूरी

वार्ड की कई कॉलोनियों में पानी की निकासी की व्यवस्था न होने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा छोटी लाइन सहित कई सड़कें टूटी पड़ी हैं। इनकी मरम्मत न होने से लोग परेशान हैं। गलियों व नालियों की नियमित रूप से सफाई नहीं होती। यहां तक कि हुडा सेक्टर-17 के लोग भी कई बार शिकायत कर चुके हैं। वार्ड में औद्योगिक इकाइयां होने के कारण प्रदूषण की समस्या भी है। इनमें से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी सीधे नालियों में छोड़ा जा रहा है।

सफाई कर्मचारी नहीं आते

छोटी लाइन पर दुकान चला रहे रिजवान ने बताया कि नालियां गंदगी के भरी पड़ी हैं। कई-कई दिन तक कर्मचारी सफाई करने के लिए नहीं आते। यदि नालियों से गंदगी निकाल भी दें तो उसको उठाया नहीं जाता। क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। दूसरा, बड़ी समस्या पानी की निकासी की है।

खाली पड़े प्लॉटों में गंदगी

छोटी लाइन निवासी गौरव ने बताया कि कॉलोनियों में ही पशु डेयरियां चल रही हैं। खाली पड़े प्लॉटों में गोबर के ढेर लगे हैं। नालियों में भी गोबर बहा दिया जाता है। सड़कें भी टूटी पड़ी हैं। हालांकि वार्ड में काफी काम हुए भी हैं, लेकिन इससे ज्यादा पें¨डग हैं। गलियों व नालियों की नियमित रूप से सफाई की जानी चाहिए।

chat bot
आपका साथी