जांच के नाम पर लटका हुआ है फैक्ट्री में श्रमिकों की मौत का मामला

एक फैक्ट्री में आग से महाप्रबंधक सहित तीन कर्मचारियों की मौत के बाद भी ठीक से जांच नहीं की जा रही है। फैक्ट्री मालिकों के दबाव में मामले को लटकाया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Nov 2019 06:11 PM (IST) Updated:Sat, 02 Nov 2019 06:11 PM (IST)
जांच के नाम पर लटका हुआ है फैक्ट्री में श्रमिकों की मौत का मामला
जांच के नाम पर लटका हुआ है फैक्ट्री में श्रमिकों की मौत का मामला

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

विमल एल्युमिनियम प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में सिलेंडर लीकेज से लगी आग से तीन श्रमिकों की मौत का मामला जांच के नाम पर दब गया है। औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य टीम ने अपनी रिपोर्ट में फैक्ट्री मालिकों की लापरवाही मानी थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस उन सिलेंडरों को टेस्टिग के लिए लैब में भिजवाने की बात कह रही थी, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी सिलेंडर जांच के लिए नहीं भेजे गए। वहीं मृतक श्रमिकों के परिजनों को प्रशासन की ओर से कोई आर्थिक सहायता तक नहीं मिली है।

गत 16 सितंबर को विमल एल्युमिनियम प्राइवेट लिमिटेड में सिलेंडर की लीकेज ठीक करते समय आग लग गई थी, जिसमें 13 कर्मचारी झुलस गए। गंभीर रूप से झुलसे नौ कर्मचारियों को पीजीआइ रेफर किया गया था। इस हादसे के बाद औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया। डिटेल रिपोर्ट में सामने आया कि मालिकों की लापरवाही से हादसा हुआ है। सिलेंडर की लीकेज बंद करने की वॉल्व फ्री हो गई थी। कई दिनों से यह खराब थी।

पुलिस ने श्रमिक विकास की शिकायत पर मालिक रजनीश खरबंदा व अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था। बाद में इलाज के दौरान जीएम व दो अन्य श्रमिकों की मौत हो गई।

इस बारे में शहर यमुनानगर थाना प्रभारी कमलजीत सिंह का कहना है कि सिलेंडरों की टेस्टिग के बाद ही सही पता लगेगा कि किस तरह की खामी थी। पहले चुनाव की वजह से व्यस्तता रही। अब एक-दो दिन में इन सिलेंडरों को जांच के लिए भेजा जाएगा। वहां से रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।

chat bot
आपका साथी