पत्नी और भाई समेत पूर्व मंत्री पर केस दर्ज, सहकारी बैंक के 36 लाख रुपये हड़पे

प्रदेश के पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी, उनकी पत्नी कुसुम रानी, भाई अशोक कुमार और राजनीतिक सलाहकार रहे दीपचंद पर थाना बूड़िया पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। सुभाष चौधरी ने मंत्री रहते अपनी पत्नी के नाम पर सहकारी बैंक से 36 लाख रुपये का लोन लिया था। लोन लेने के लिए जो दस्तावेज बैंक में दिए गए जांच में वे फर्जी पाए गए। पुलिस ने यह केस सहकारी बैंक की ओधरी शाखा के मैनेजर राजबीर ¨सह की शिकायत पर दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Oct 2018 01:20 AM (IST) Updated:Sun, 28 Oct 2018 01:20 AM (IST)
पत्नी और भाई समेत पूर्व मंत्री पर केस दर्ज, सहकारी बैंक के 36 लाख रुपये हड़पे
पत्नी और भाई समेत पूर्व मंत्री पर केस दर्ज, सहकारी बैंक के 36 लाख रुपये हड़पे

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्रदेश के पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी, उनकी पत्नी कुसुम रानी, भाई अशोक कुमार और राजनीतिक सलाहकार रहे दीपचंद पर थाना बूड़िया पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। सुभाष चौधरी ने मंत्री रहते अपनी पत्नी के नाम पर सहकारी बैंक से 36 लाख रुपये का लोन लिया था। लोन लेने के लिए जो दस्तावेज बैंक में दिए गए जांच में वे फर्जी पाए गए। पुलिस ने यह केस सहकारी बैंक की ओधरी शाखा के मैनेजर राजबीर ¨सह की शिकायत पर दर्ज किया है।

राजबीर ¨सह ने थाना बूड़िया पुलिस को दी शिकायत में बताया कि जगाधरी की विजय नगर कॉलोनी निवासी सुभाष चौधरी के भाई जोहड़ीपुरा मोहल्ला जगाधरी निवासी अशोक कुमार एक जून 2007 से 18 जनवरी, 2012 तक सहकारी बैंक के चेयरमैन थे। उस वक्त सुभाष चौधरी जगाधरी विधानसभा से विधायक एवं सरकार में मंत्री थे, जबकि भारत सेवक नगर निवासी दीपचंद सुभाष चौधरी के राजनीतिक सलाहकार थे। इन चारों लोगों ने बैंक से लोन लेने के लिए जमीन के फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए। सुभाष चौधरी ने पत्नी कुसुम रानी के नाम पर जमीन ओधरी गांव में खेती योग्य 32 कनाल जमीन खरीदने की योजना बनाई। उन्होंने वर्ष 2009 में जोहड़ीपुरा मोहल्ला निवासी मामचंद, चमन लाल, मुकेश कुमार और रमेश कुमार चारों भाइयों से जमीन खरीदने का एक एग्रीमेंट किया। मामचंद व अन्य लोग सुभाष चौधरी के जानकार थे। एग्रीमेंट में दीपचंद गवाह था। जिस जमीन का एग्रीमेंट किया गया, वह कृषि भूमि नहीं थी। सुभाष चौधरी अपनी पत्नी के गारंटर बने थे। राजबीर ¨सह ने शिकायत में कहा कि सुभाष चौधरी व उनके भाई अशोक कुमार ने अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए और बैंक से 36 लाख रुपये का लोन पास कराया। आरोपितों ने जमीन की जो जमाबंदी दस्तावेजों के साथ दी थी वो भी राजस्व विभाग के रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रही थी। लोन लेने के बाद उक्त लोगों ने बैंक को रुपया वापस नहीं लौटाया। रुपये नहीं लौटाने पर सहकारी बैंक ने कुसुम रानी को डिफाल्टर घोषित कर दिया था।

पुलिस ने केस दबाने की कोशिश की

मैनेजर राजबीर ¨सह की शिकायत पर पुलिस ने सुभाष चौधरी और उनके परिजनों पर केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन इसे दबाने की पूरी कोशिश की। थाना बूड़िया 15 अक्टूबर को एफआइआर नंबर 149 दर्ज किया गया। पुलिस थानों में जो भी केस दर्ज करती है उसे पूरी तरह से गोपनीय रखा। संबंधित अधिकारी मामले पर कुछ भी कहने से बचते रहे।

केस दर्ज कर लिया है : गुरमेज ¨सह

मामले की जांच कर रहे थाना बूड़िया के एएसआइ गुरमेज ¨सह का कहना है कि मैनेजर राजबीर ¨सह की शिकायत पर सुभाष चौधरी, कुसुम रानी, अशोक कुमार और दीपचंद के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मेरी ड्यूटी फिलहाल बाहर है। इसलिए इस केस के बारे में ज्यादा नहीं बता सकता। पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी से जब इस बारे में बात की गई, उनका साफ शब्दों में कहना था कि उन्हें किसी भी केस दर्ज होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

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