सीए के आदेश बेसर : बैठक के बाद भी अधिकतर लक्कड़ सड़क पर ही बिका

मार्केट कमेटी की फीस की चोरी रोकने के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर (सीए) विनय सिंह के आदेश मंगलवार को लक्कड़ मंडी में बेअसर नजर आए। कच्चा माल (पोपुलर व सफेदा) लक्कड़ मंडी के बजाय सड़क पर ही बिका। हालांकि मार्केट कमेटी के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि उनको जो भी ट्राली मिली उसको मंडी में भेजा गया। रिकार्ड के मुताबिक मंडी में 150 लक्कड़ की ट्राली (15000 क्विंटल लक्कड़) भेजी गई जबकि जिले में हर रोज दो से ढाई लाख क्विंटल कच्चे माल की खपत है। यह रिकार्ड लाइसेंस खोलने से पहले सरकार ने सर्वे के माध्यम से लिया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 05:31 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 05:31 PM (IST)
सीए के आदेश बेसर :  बैठक के बाद भी अधिकतर लक्कड़ सड़क पर ही बिका
सीए के आदेश बेसर : बैठक के बाद भी अधिकतर लक्कड़ सड़क पर ही बिका

जागरण संवाददाता, यमुनानगर: मार्केट कमेटी की फीस की चोरी रोकने के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर (सीए) विनय सिंह के आदेश मंगलवार को लक्कड़ मंडी में बेअसर नजर आए। कच्चा माल (पोपुलर व सफेदा) लक्कड़ मंडी के बजाय सड़क पर ही बिका। हालांकि मार्केट कमेटी के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि उनको जो भी ट्राली मिली उसको मंडी में भेजा गया। रिकार्ड के मुताबिक मंडी में 150 लक्कड़ की ट्राली (15000 क्विंटल लक्कड़) भेजी गई, जबकि जिले में हर रोज दो से ढाई लाख क्विंटल कच्चे माल की खपत है। यह रिकार्ड लाइसेंस खोलने से पहले सरकार ने सर्वे के माध्यम से लिया था। जिले में आने वाले नो एंट्री प्वाइंट पर सर्वे हुआ था। लक्कड़ पर दो प्रतिशत मार्केट फीस व 18 प्रतिशत जीएसटी है। फीस साढ़े 12 करोड़ से घटकर पांच करोड़ पर आ गई है। फीस की चोरी रोकने के लिए आढ़ती व व्यापारी बिठाए थे एक जगह :

लगातार मार्केट फीस घटती जा रही है। मार्केट फीस की चोरी रोकने के लिए सीए विनय सिंह ने सोमवार को आढ़ती व वुड व्यापारियों के साथ बैठक की थी। इसमें आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान संदीप राणा आढ़ती, बलदेव पंवार व मेम सिंह दहिया ने खुले आम कह दिया था कि व्यापारी बिना बिल का कच्चा माल मांगते हैं। बिल का माल खरीदने से इंकार कर देते हैं। जब तक बोर्ड व्यापारी बिल का माल नहीं खरीदेंगे तब तक मार्केट फीस नहीं बढ़ सकती। बिना बिल के माल पर रोक लगनी चाहिए। सीए ने लक्कड़ की खरीद मंडी से ही करने के आदेश दिए। फिर भी सड़क पर भारी मात्रा में लक्कड़ बिका। सड़क पर लक्कड़ की ट्राली खड़े होने से जाम व हादसे भी होते हैं। हालांकि प्लाइवुड एसोसिएशन के प्रधान जेके बियानी ने फीस घटने का कारण बोर्ड यूनिट बंद होना बताया था। साथ ही बैठक में सुधार का आश्वासन दिया था, लेकिन यह दिखाई नहीं दिया। फैक्ट्रियों की हो जांच कहां से आया वहां माल :

आढ़तियों का कहना है कि यदि सभी बोर्ड व्यापारी बिल से माल खरीदे तो उनकी पेमेंट की चिता भी खत्म हो जाएगी। सब काम रिकार्ड के मुताबिक होगा। इसमें उनको लाभ है। बिना बिल के माल की पेमेंट का खतरा रहता है। इसके लिए प्रशासन व मार्केट कमेटी के अधिकारियों को फैक्ट्रियों की जांच करनी चाहिए। उनके रिकार्ड की जांच होनी चाहिए कि उनके पास कच्चा माल कहां से और किसके माध्यम से आया है। जब तक इस दिशा में कार्य नहीं होगा। तब तक मार्केट फीस व जीएसटी की चोरी नहीं रूक सकती। वे प्रशासन के सहयोग के लिए तैयार है। हिम्मत नहीं जुटाते जांच की अधिकारी :

बता दे कि जिले में 500 से ज्यादा बोर्ड की फैक्ट्रियां 100 किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है। अधिकतर फैक्ट्री सत्ता व विपक्ष के लोगों व उनके जानकारों की है। जिस कारण अधिकारी वहां पर जांच करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। 650 आढ़ती लक्कड़ बेचने का काम कर रहे हैं। डेढ़ लाख से अधिक लोगों को इस इंडस्ट्री से रोजगार मिला हुआ है। जिले का नाम बोर्ड के काम में विदेशों तक मशहूर है। हमारी टीम लगी हुई है : सचिव

मार्केट कमेटी सचिव गौरव आर्य का कहना है कि मंडी के बाहर लक्कड़ न बेचा जाए। इसके लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई हुई। मंगलवार को 150 ट्रालियां कर्मचारियों ने मंडी में भेजी है। इस दिशा में और ज्यादा सख्ती की जाएगी। इसके लिए टीम का गठन किया गया है। जरूरत पड़ी तो पुलिस की मदद भी ली जाएगी।

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