आरसी फर्जीवाड़ा : डीलरों से गाड़ी खरीदना पड़ा महंगा, नोटिस देखकर उड़ी वाहन मालिकों की नींद

नीलामी के वाहनों के फर्जी दस्तावेजों पर आरसी तैयार कर डीलरों व एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों ने मोटा पैसा कमाया। आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन जिन डीलरों से लोगों ने वाहन खरीदे। अब उनकी मुश्किल बढ़ गई है। स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) की ओर से वाहन मालिकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। रोजाना यह लोग एसआइटी के सामने वाहन लेकर पेश हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:37 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 06:37 AM (IST)
आरसी फर्जीवाड़ा : डीलरों से गाड़ी खरीदना पड़ा महंगा, नोटिस देखकर उड़ी वाहन मालिकों की नींद
आरसी फर्जीवाड़ा : डीलरों से गाड़ी खरीदना पड़ा महंगा, नोटिस देखकर उड़ी वाहन मालिकों की नींद

जागरण संवददाता, यमुनानगर :

नीलामी के वाहनों के फर्जी दस्तावेजों पर आरसी तैयार कर डीलरों व एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों ने मोटा पैसा कमाया। आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन जिन डीलरों से लोगों ने वाहन खरीदे। अब उनकी मुश्किल बढ़ गई है। स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) की ओर से वाहन मालिकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। रोजाना यह लोग एसआइटी के सामने वाहन लेकर पेश हो रहे हैं। एक वाहन मालिक ने एसआइटी की ओर से नोटिस मिलने के बाद कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका तक लगा दी। हालांकि उसकी याचिका पर 23 सितंबर को सुनवाई होगी। ऐसे ही हर रोज मालिक यहां पर अपनी कारों को लेकर आ रहे हैं और एसआइटी की पूछताछ का सामना कर रहे हैं। जबकि उन्हें इस फर्जीवाड़े के बारे में कुछ नहीं पता है। डीलर से कार खरीदना पड़ गया महंगा :

करनाल निवासी जितेंद्र कुमार ने बताया कि शुक्रवार शाम को उन्हें पुलिस की ओर से नोटिस मिला था। नोटिस देकर उनकी नींद उड़़ गई। नोटिस में कहा गया था कि उनकी गाड़ी का इंजन व चेसिस नंबर चेक किया जाना है। इसीलिए वह गाड़ी लेकर पुलिस के पास पहुंचे। वह गाड़ी लेकर सीआइए थाने में पहुंचे। यहां पर पता लगा कि गाड़ी के पुराने दस्तावेजों में खामी है। यह गाड़ी उन्होंने गत जनवरी माह में दो लाख 75 हजार में खरड के डीलर के माध्यम से खरीदी थी। गाड़ी यमुनानगर के चोपड़ा गार्डन निवासी सुनील कुमार के नाम थी। उन्होंने जीवन में यह पहली गाड़ी खरीदी थी। पता नहीं अब क्या होगा। डीलर पर भरोसा कर गाड़ी खरीदी थी। मेरे पास गाड़ी नहीं, नोटिस आ गया :

बिलासपुर रोड निवासी नितिश ने बताया कि उनके पास लग्जरी गाड़ी खरीदने के लिए तीन नोटिस आ चुके हैं, जबकि उनके पास कोई गाड़ी नहीं है। नोटिस मिलने के बाद से ही वह टेंशन में है। इसी तरह से पानीपन के इसराना निवासी श्रवण ने बताया कि उन्होंने भी डीलर के माध्यम से गाड़ी खरीदी थी। अब सीआइए में गाड़ी लेकर बुलाया गया है। नोटिस मिलने के बाद से ही वह परेशानी में है। एक-एक पैसा जोड़कर किसी तरह से गाड़ी खरीदी थी। कुछ माह पहले ही डीलर के माध्यम से ढाई लाख रुपये में पहली दफा कार खरीदी थी। परिवार भी काफी खुश था। डर है कि गाड़ी मिलेगी या नहीं । अब पता नहीं क्या होगा। डीलरों ने 600 वाहनों की फर्जी आरसी कराई तैयार :

कोर्ट में दिए दस्तावेजों के मुताबिक, रोहतक के डीलर रामनिवास, सुनील चिटकारा व सोनीपत निवासी कृष्ण ने करीब 600 वाहनों की फर्जी आरसी जगाधरी एसडीएम कार्यालय से तैयार कराई। इसमें रामनिवास ने 200 गाड़ियों की फर्जी आरसी तैयार कराई। डीलर कृष्ण ने 250 गाड़ियों की आरसी तैयार कराई थी। सुनील चिटकारा ने 150 गाड़ियों की फर्जी आरसी तैयार कराई। कुछ वाहनों की फाइलें अभी पुलिस को भी नहीं मिल पाई। सभी फाइलें मिल जाने पर और लोगों को नोटिस भेज जा सकते हैं। ये था मामला :

सिरसा पुलिस ने गत 14 जनवरी को डीलर सुनील चिटकारा को गिरफ्तार कर आरसी फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश किया था। जांच जगाधरी एसडीएम कार्यालय तक भी पहुंची। तत्कालीन एसडीएम दर्शन कुमार ने भी जांच कराई, तो 16 फाइलें गायब मिली। तब सेक्टर 17 थाने में केस दर्ज कराया। इसमें कंप्यूटर आपरेटर अमित के साथ तीन अन्य कर्मियों पर केस दर्ज हुआ था। वहीं इसी तरह का फर्जीवाड़ा बिलासपुर एसडीएम कार्यालय में भी सामने आया। इसमें भी कंप्यूटर आपरेटर अमित पर केस दर्ज हुआ। बाद में स्थानीय स्तर पर एसआइटी बनी। अब तक इस मामले में अमित, एमआरसी राजेंद्र डांगी, बिलासपुर में तैनात एमआरसी संजीव व डीलर रोहतक निवासी सुनील, कृष्ण व रामनिवास को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इन सभी का चालान भी पेश किया जा चुका है।

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