भाकियू ने किसानों व कामगारों से की स्कूलों को फीस न देने की अपील

उन्होंने कहा कि यूनियन ने निर्णय लिया है कि प्राइवेट स्कूल में जिन किसानों गरीब परिवारों व कामगारों के बच्चे पढ़ रहे हैं वे अप्रैल से जून तक की फीस है उसे जमा नहीं कराएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 04:54 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 04:54 AM (IST)
भाकियू ने किसानों व कामगारों से की स्कूलों को फीस न देने की अपील
भाकियू ने किसानों व कामगारों से की स्कूलों को फीस न देने की अपील

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : भारतीय किसान यूनियन की बैठक जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर के निवास पर हुई। उन्होंने कहा कि यूनियन ने निर्णय लिया है कि प्राइवेट स्कूल में जिन किसानों, गरीब परिवारों व कामगारों के बच्चे पढ़ रहे हैं वे अप्रैल से जून तक की फीस है उसे जमा नहीं कराएंगे। यूनियन इसे लेकर अपना जन जागरण अभियान चलाएगी। जो स्कूल प्रबंधक इन लोगों पर फीस जमा कराने का दबाव बनाएगा उसके स्कूल के बाहर धरना देकर विरोध किया जाएगा। इस मामले को लेकर तीन जून को प्रदेश कार्यालय पानीपत में भाकियू की बैठक प्रदेश अध्यक्ष रतन मान के नेतृत्व में होगी। जिसमें फीस के मुद्दे को लेकर कड़ा फैसला लिया जाएगा।

सुभाष गुर्जर ने कहा कि लाकडाउन के दौरान स्कूल बंद रहने से किसी भी प्रकार की कोई शिक्षा संबंधित गतिविधियां नहीं हुई तो फिर फीस लेने का किसी भी स्कूल का कोई औचित्य नहीं बनता। स्कूलों द्वारा आनलाइन शिक्षा देना सिर्फ एक ड्रामा है ताकि अभिभावकों से फीस लूट सके। ऐसी स्थिति में अभिभावकों पर दोहरी मार पड़ रही है। यूनियन चार जून को शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर को ज्ञापन देगी। ताकि किसान और कामगारों के साथ-साथ स्कूल संचालकों को भी सरकार द्वारा इस संकट में आर्थिक मदद दी जा सके। किसान एक ऐसा वर्ग है जो अपनी जान की परवाह न करते हुए सब्जियां और अन्न पैदा करके देश की सेवा में लगे हुए हैं। सरकार किसानों की सहयोग करने की बजाय नई नई किसान विरोधी नीतियां बनाकर किसानों को परेशान कर रही है।जब कि किसान वर्ग को आज इस करोना की महामारी में सरकार के सहयोग की जरूरत है। मौके पर जयपाल, उदय सिंह, सुखदेव सिंह, मोहनलाल, कर्णवीर, सुभाष मौजूद थे।

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