शहरवासियों को पसीना छुड़ा रहे असेसमेंट नोटिस, व्यवस्था पर उठ रहे सवाल

तीन साल बीत जाने के बावजूद नगर निगम एरिया में संपत्ति का सर्वे अधूरा है। सर्वे के बाद संपत्ति मालिकों को भेजे गए असेसमेंट नोटिस शहरवासियों की नींद उड़ा रहे हैं। नोटिसों से संपत्ति मालिक का नाम ही गायब है। यदि है तो सही नहीं लिखा है। सवाल न केवल एजेंसी की कार्यप्रणाली पर उठ रहे हैं बल्कि निगम प्रशासन पर भी आरोप लग रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 05:15 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 05:15 PM (IST)
शहरवासियों को पसीना छुड़ा रहे असेसमेंट नोटिस, व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
शहरवासियों को पसीना छुड़ा रहे असेसमेंट नोटिस, व्यवस्था पर उठ रहे सवाल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : तीन साल बीत जाने के बावजूद नगर निगम एरिया में संपत्ति का सर्वे अधूरा है। सर्वे के बाद संपत्ति मालिकों को भेजे गए असेसमेंट नोटिस शहरवासियों की नींद उड़ा रहे हैं। नोटिसों से संपत्ति मालिक का नाम ही गायब है। यदि है तो सही नहीं लिखा है। सवाल न केवल एजेंसी की कार्यप्रणाली पर उठ रहे हैं बल्कि निगम प्रशासन पर भी आरोप लग रहे हैं। मामला सीएम मनोहर लाल के पास जा चुका है। सरकार की ओर से गठित निगरानी कमेटी भी एजेंसी द्वारा किए गए सर्वे से नाखुश है। यह भी मांग उठ रही है कि एजेंसी कर्मचारी खुद संपत्ति मालिकों के घर जाकर असेसमेंट की खामियों को दूर किया जाए। पार्षद सहित ग्रामीणों ने कमिश्नर को दिया ज्ञापन :

वार्ड नंबर 18 से पार्षद कुसुम गोंदवाल, भूत माजरा के पवन कुमार, भीम सैन, संजीव कुमार, नीरज, जितेंद्र, नंबरदार कमल किशोर व अन्य का कहना है कि गांव में अधिकांश लोगों को भेजे गए असेसमेंट नोटिसों में खामियां हैं। भेजे गए नोटिस में संपत्ति मालिक का नाम ही नहीं है। ऐसे नोटिसों की संख्या कम नहीं है जिनमें नाम गलत प्रकाशित कर दिए गए हैं। एक संपत्ति से दूसरे की संपत्ति जोड़ दी गई है। जिससे लोगों में यह भय पैदा हो गया है कि उनकी संपत्ति किसी और के नाम कर दी गई है। नोटिस देते समय यह भी कहा गया है कि यदि किसी तरह की त्रुटि है तो निगम कार्यालय में पहुंचकर उसको दुरुस्त करवा लिया जाए। संतोषजनक नहीं अधिकारियों का जवाब :

ग्रामीणों का कहना है कि असेसमेंट नोटिसों में खामियों पर नगर निगम अधिकारियों का जवाब भी संतोषजनक नहीं है। निगम कार्यालय में पहुंचकर यदि उनसे बात की जाती है तो जवाब यही मिलता है कि यह सर्वे एजेंसी ने किया। इसलिए एजेंसी के कर्मचारियों से बात करें। जब इस बारे संबंधित एजेंसी के कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने आधार कार्ड, पैन कार्ड व टैक्स स्लिप की मांग की जा रही है। ग्रामीणों को यह डर है कि उनके द्वारा जमा करवाए गए दस्तावेज निगम कार्यालय में जमा होंगे या नहीं। कहीं उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग न हो जाए। क्योंकि इन दिनों आपराधिक गतिविधियां हर दिन हो रही हैं। निगम कर्मचारी करें त्रुटियों को दुरुस्त :

ग्रामीणों की मांग है कि असेसमेंट नोटिसों में त्रुटियों को निगम कर्मचारी दुरुस्त करें। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके दस्तावेज सही जगह जमा करवाए गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव की प्रापर्टी लाल डोरे के अंदर आती है। अधिकतर की रजिस्ट्री नहीं है। भेजे गए असेसमेंट नोटिसों में खामियां को समय रहते दूर किया जाए। बेहतर होगा यदि कर्मचारी गांव में आकर ही इन त्रुटियों को दूर करें।

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