असेसमेंट नोटिस बता रहे सर्वे की सच्चाई, सामने आ रही खामियां

नगर निगम एरिया में प्रापर्टी के सर्वे में लापरवाही बरती गई। असेसमेंट नोटिस हकीकत बयां कर रहे हैं। किसी की प्रापर्टी का मालिक दूसरे को बना दिया तो किसी की प्रापर्टी का एरिया बढ़ा दिया गया। अब मालिक नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं। जन प्रतिनिधि सर्वे से संतुष्ट नहीं हैं। आरोप है कि कंपनी के कर्मियों ने गंभीरता से सर्वे नहीं किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 07:12 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:12 AM (IST)
असेसमेंट नोटिस बता रहे सर्वे की सच्चाई, सामने आ रही खामियां
असेसमेंट नोटिस बता रहे सर्वे की सच्चाई, सामने आ रही खामियां

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम एरिया में प्रापर्टी के सर्वे में लापरवाही बरती गई। असेसमेंट नोटिस हकीकत बयां कर रहे हैं। किसी की प्रापर्टी का मालिक दूसरे को बना दिया तो किसी की प्रापर्टी का एरिया बढ़ा दिया गया। अब मालिक नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं। जन प्रतिनिधि सर्वे से संतुष्ट नहीं हैं। आरोप है कि कंपनी के कर्मियों ने गंभीरता से सर्वे नहीं किया। जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि निगम ने आपत्तियां दूर करने के लिए आफलाइन व आनलाइन दोनों विकल्प दिए हैं। लेकिन मालिक इसमें उलझ रहे हैं। 90 फीसद असेसमेंट नोटिस गलत :

वार्ड नंबर सात से पार्षद राम आसरा का कहना है कि उनके वार्ड में 90 फीसद प्रापर्टी की डिटेल में खामियां हैं। उनकी खुद की दुकान किसी अन्य व्यक्ति के नाम दिखा दी है। जिस व्यक्ति के नाम दुकान अलाट दिखाई है, उसका नाम अशोक कुमार, जबकि दुकान राम आसरा के नाम अलाट है। मकान का नंबर 2303 है, जबकि असेसमेंट नोटिस में 2306 दिखा दिया। इसके अलावा किसी का मकान दो मंजिला है तो उसको तीन मंजिला दिखा दिया गया। हुडा जैसे सेक्टर में इस तरह खामियां सर्वे पर सवालिया निशान लगा रही हैं। उनका कहना है कि जिस कंपनी ने सर्वे किया है, उस पर जुर्माना किया जाना चाहिए। पार्षद को सूचना तक नहीं :

वार्ड नंबर पांच से पार्षद विनय कांबोज का कहना है कि मेरे वार्ड में प्रापर्टी का सर्वे पूरा हो गया है, लेकिन सर्वे के लिए वार्ड में कर्मचारी दिखाई नहीं दिए। अपने वार्ड की जितनी जानकारी मुझे है, उतनी सर्वे करने वाली कंपनी के कर्मचारियों को नहीं है। कर्मचारियों ने एक बार भी उनसे संपर्क नहीं किया। पार्षद का कहना है कि उसको वार्ड के ही अन्य किसी व्यक्ति से सर्वे के बारे में जानकारी मिली है। सर्वे के नाम पर महज औपचारिकता हुई है। इसी का परिणाम है कि अब असेसमेंट लेटर में खामियां सामने आ रही हैं। 60 फीसद खामियां :

वार्ड 13 से पार्षद निर्मल चौहान का कहना है कि प्रापर्टी का सर्वे पूरी तरह हवा-हवाई हुआ है। मुझे तो अभी तक असेसमेंट लेटर ही नहीं मिला है। लेकिन वार्ड में जितने असेसमेंट लेटर बंटे हैं, उनमें से 60 फीसद में खामियां हैं। प्रापर्टी टैक्स अदा किए जाने के बावजूद पेंडिग दिखा दिया गया। किसी की प्रापर्टी दूसरे के नाम दिखा दी। यदि सर्वे सही तरीके से किया होता तो यह खामियां न आती। इसी प्रकार, रूपनगर निवासी रमेश शर्मा ने बताया कि उनकी प्रापर्टी किसी और के नाम दिखा दी गई। फोन नंबर भी ठीक नहीं है।

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