यूनिवर्सल सोसायटी के फर्जी दस्तावेज तैयार कालेज की मान्यता के लिए किया आवेदन, चार पर केस

जागरण संवाददाता यमुनानगर शहीद भगत सिंह नर्सिग कालेज की सोसायटी का विवाद गहराता जा रहा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 06:16 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 06:16 AM (IST)
यूनिवर्सल सोसायटी के फर्जी दस्तावेज तैयार कालेज की मान्यता के लिए किया आवेदन, चार पर केस
यूनिवर्सल सोसायटी के फर्जी दस्तावेज तैयार कालेज की मान्यता के लिए किया आवेदन, चार पर केस

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहीद भगत सिंह नर्सिग कालेज की सोसायटी का विवाद गहराता जा रहा है। अब इस मामले में कालेज के डायरेक्टर संजीव कुमार अग्रवाल की शिकायत पर रोहतक के आजादगढ़ रोड निवासी उदय भान शर्मा, उनकी पत्नी अंगूरी शर्मा, विद्या देवी, हिसार के गढ़ी गांव निवासी दया प्रकाश पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। यह केस भी कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ है। करीब दस साल से यह विवाद चल रहा है।

पुलिस में दर्ज केस के मुताबिक, वर्ष 2005 में यूनिवर्सल फाउंडेशन के नाम से सोसायटी रजिस्टर्ड हुई थी। जिसमें संजीव कुमार अध्यक्ष थे। जबकि उदय भान शर्मा, अंगूरी देवी शर्मा, विद्या देवी, दया प्रकाश भी सदस्य थे। सोसायटी ने वर्ष 2006 में शहीद भगत सिंह के नाम से नर्सिंग कालेज शुरू किया था। जिसमें एएनएम व एमपीएचडब्ल्यू महिला का डेढ़ वर्षीय कोर्स और जीएनएम का तीन साल का कोर्स कराया जाता था। वर्ष 2007 में अंगूरी शर्मा, दया प्रकाश व राजदुलारी ने सोसायटी से रिजाइन कर दिया। इसके बाद मूर्ति देवी, सोना देवी और अनु को शामिल किया गया। वर्ष 2008 में फिर से बदलाव हुआ। इसके बाद इस सोसायटी में सतपाल गुप्ता व दर्शनी देवी को शामिल किया गया। जिसके बाद नए सिर से सोसायटी के सदस्यों के नाम तय हुए। इसके बाद उदय भान शर्मा, अंगूरी देवी, विद्या देवी व दया प्रकाश का सोसायटी में कोई दखल नहीं रहा। कन्हैया चौक पर चलाया उदयभान ने कालेज

संजीव अग्रवाल ने बताया कि उदय भान शर्मा ने कन्हैया चौक पर अलग से कालेज शुरू कर दिया। इसके लिए यूनिवर्सल सोसायटी का रेजूलेशन तैयार कर नए कोर्स के लिए आवेदन कर दिया और सोसायटी के फर्जी स्टांप तैयार किए। इसका पता सितंबर 2019 में लगा। जब मान्यता के लिए उनके पास एनएचआरसी से पत्र आया। जब उन्होंने पता किया, तो जानकारी मिली कि उदयभान शर्मा ने उनकी सोसायटी के फर्जी दस्तावेजों पर मान्यता के लिए आवेदन किया है। आरटीआइ में यह सभी दस्तावेज जुटाए और पुलिस को शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।

chat bot
आपका साथी