शहरी संपदा की जमीन में खेती करने वालों का रोका जाएगा वार्षिक मुआवजा, हो रही सूची तैयार
जागरण संवाददाता यमुनानगर शहरी संपदा के सेक्टरों के लिए अधिग्रहण हुई जमीन पर खेती कर
जागरण संवाददाता यमुनानगर : शहरी संपदा के सेक्टरों के लिए अधिग्रहण हुई जमीन पर खेती करने वालों के खिलाफ अधिकारी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में हैं। जो लोग अधिग्रहण जमीन पर खेती कर मोटी कमाई कर रहे हैं उनकी सूची तैयार की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों को सरकार की ओर से मिलने वाली भरण पोषण राशि को बंद करने की सिफारिश की जाएगी। क्योंकि जो लोग इस जमीन पर खेती कर रहे हैं वह पूर्व में दो दफा भारी मुआवजा ले चुके हैं। उसके बावजूद भी इस जमीन पर खेती हो रही है यह कानूनों के विरुद्ध है। शहरी संपदा ने जिला के चार सेक्टरों के लिए जमीन अधिग्रहण की हुई है। सेक्टर-13 सेक्टर 22, 24 व सेक्टर-15 के लिए करीब 900 एकड़ जमीन अधिग्रहण की हुई है। 2007 में सेक्टर 13 के लिए 497 एकड़ जमीन अधिग्रहण हुई थी। इस जमीन के मालिक सरकार से दो दफा मुआवजा ले चुके हैं। अधिकारियों के मुताबिक एक एकड़ जमीन की कीमत एक करोड़ से अधिक दी जा चुकी है। नियम के अनुसार 30 साल तक किसानों को वार्षिक भरण-पोषण के लिए भी पैसा भी मिलता है। यह पैसा जमीन के कलेक्टर रेट के मुताबिक दिया जाता है जो 20 से 30 हजार रुपये तक है। सूची तैयार की जा रही है : प्रशासक
एसडीएम और शहरी संपदा के प्रशासक दर्शन सिंह का कहना है कि अधिग्रहण की हुई जमीन पर खेती करना गलत है। ऐसे किसानों को जब कर्मचारी देखते हैं तो वह उनका ही विरोध करते हैं। फर्कपुर थाने में कार्रवाई के लिए कुछ नाम दिए गए हैं। इसके अलावा कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जो लोग अधिग्रहण जमीन पर खेती कर रहे हैं उनकी लिस्ट तैयार की जाए। यह लिस्ट तैयार होने के बाद सरकार के पास भेजी जाएगी। सिफारिश की जाएगी की इनको वार्षिक मुआवजे के तौर पर मिलने वाली राशि को बंद किया जाए।