रावण का वध कर सीता के साथ आयोध्या लौटे श्रीराम, धूमधाम से हुआ राजतिलक

श्रीराम कृष्ण रामलीला क्लब की ओर से जठलाना में आयोजित रामलीला में श्रीराम चंद्र के राजतिलक के दृश्य का मंचन किया गया। जिसमें दिखाया गया कि रावण का वध करने के बाद श्रीराम विभीषण को लंका का राज्य सौंप देते है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 07:50 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 07:50 AM (IST)
रावण का वध कर सीता के साथ आयोध्या लौटे श्रीराम, धूमधाम से हुआ राजतिलक
रावण का वध कर सीता के साथ आयोध्या लौटे श्रीराम, धूमधाम से हुआ राजतिलक

संवाद सहयोगी, रादौर: श्रीराम कृष्ण रामलीला क्लब की ओर से जठलाना में आयोजित रामलीला में श्रीराम चंद्र के राजतिलक के दृश्य का मंचन किया गया। जिसमें दिखाया गया कि रावण का वध करने के बाद श्रीराम विभीषण को लंका का राज्य सौंप देते है। तब सीता को वहां से लाया जाता है और श्रीराम कहते है कि आप काफी दिन तक लंका में रही हो। आप पूरी तरह से पवित्र हैं। इसमें भगवान भी संदेह नहीं कर सकते। इसके बावजूद आपको एक अग्नि परीक्षा देनी होगी। जिसमें आपको अग्नि को लांघ कर निकलेंगी। इससे आपकी पवित्रता साबित हो जाएगी। लक्ष्मण श्रीराम की इस बात का विरोध करते है, लेकिन श्रीराम उन्हें समझाते है कि यह बहुत ही आवश्यक कार्य है। फिर श्रीराम द्वारा अग्नि देवता से आह्वान किया जाता है। तब अग्निदेव प्रकट होते है और सीता अग्नि परीक्षा से होकर गुजरती है। इसके बाद श्रीराम, लक्ष्मण व सीता अयोध्या वापस लौटते है। श्रीराम के अयोध्या लौटने पर उनका पूरे सम्मान के साथ राजतिलक होता है। मौके पर रामलीला क्लब के प्रधान कुलदीप सिंह, उपप्रधान सतीश कांबोज, निदेशक पंकज धीमान, सह निदेशक श्याम बिहारी, सचिव संजीव शास्त्री, अमित बतरा, अनुज जिदल, अनुज कांबोज, अशोक भटनागर, अजय शर्मा, विजय शर्मा, पिटू जिदल व दीपक अग्रवाल उपस्थित रहे। संवाद सहयोगी, रादौर: हेमंत सेवा समिति अध्यक्ष व पूर्व चेयरमैन डा. ऋषिपाल सैनी ने अपने कार्यालय पर नशामुक्ति शिविर का आयोजन किया। जिसमें करीब 45 लोगों को नशा छोडऩे की आयुर्वेदिक दवाई निशुल्क दी गई। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहकर देशहित में कार्य करने का आह्वान किया। ऋषिपाल सैनी ने कहा कि नशा समाज को अंधेरे की ओर धकेल देता है। इसलिए उनकी संस्था हेमंत सेवा समिति लगातार समाज को एक नई दिशा देने का कार्य कर रही है। समय समय पर अनेक शिविरों का आयोजन कर स्मैक, अफीम, शराब, भुक्की व अन्य नशों को छोड़ने के लिए निशुल्क दवाई दी जाती है। अब तक करीब 290 शिविरों का आयोजन कर हजारों लोगों को दवाई दी जा चुकी है। आज समाज में युवा वर्ग नशे की चपेट में आ रहा है। जिससे समाज में कई प्रकार की कुरीतियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। उनकी यह मुहिम समाज को इन कुरीतियों से बचाने का प्रयास कर रही है।

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