चाणचक के पशुबाड़ों में आग लगने से 19 पशुओं की मौत

गांव चाणचक में मदरसे के पास चाचा-भतीजे के दो पशुबाड़ों में शनिवार दोपहर को अचानक आग लग गई। जिससे वहां बंधे 19 पशुओं की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Apr 2019 09:24 AM (IST) Updated:Sun, 21 Apr 2019 09:24 AM (IST)
चाणचक के पशुबाड़ों में आग लगने से 19 पशुओं की मौत
चाणचक के पशुबाड़ों में आग लगने से 19 पशुओं की मौत

संवाद सहयोगी, साढौरा: गांव चाणचक में मदरसे के पास चाचा-भतीजे के दो पशुबाड़ों में शनिवार दोपहर को अचानक आग लग गई। जिससे वहां बंधे 19 पशुओं की मौत हो गई। आग लगने के कारणों का पता नहीं लग सका है। फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई, लेकिन दो घंटे तक भी गाड़ी नहीं पहुंची। ग्रामीण खुद ही आग बुझाने में लगे रहे। जब तक फायर ब्रिगेड पहुंची, तब तक सब कुछ राख हो चुका था। पशु चिकित्सालय के वीएलडीए रणबीर सिंह ने मौके पर पहुंच कर मृत व घायल पशुओं की रिपोर्ट तैयार की।

गफुरदीन ने बताया कि मदरसे के पास उनका तथा भतीजे मेहंदी हसन के पशु बाड़े बने हुए हैं। शनिवार दोपहर को उन्हें पता चला कि पशुबाड़ों में आग लग गई है। ग्रामीणों ने अपने तौर पर आग को बुझाने के प्रयास शुरु करने के अलावा पुलिस व फायर ब्रिगेड़ को सूचित किया, लेकिन उस समय पेयजल की आपूर्ति का समय न होने तथा बिजली बंद होने के कारण ग्रामीणों को आग बुझाने के लिए पानी की किल्लत हो गई। निगम को बिजली आपूर्ति करने के लिए आग्रह करने के बावजूद 66 केवी पावर हाऊस में मौजूद कर्मचारियों ने आपूर्ति चालू नहीं की। बाद में मदरसे के नलकूप को जनरेटर से चलाकर आग बुझाने के प्रयास किए गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ग्रामीणों के देखते-देखते पशुबाड़ों में मौजूद अधिकतर पशु झुलसकर मर चुके थे। गफुरदीन के बाड़े में आग लगने के समय पांच भैंस, एक कटड़ा, एक कटड़ी, एक बकरी व एक बैल मौजूद था। बाकि पशुओं को तो बचा लिया गया। लेकिन एक बकरी व एक कटड़ी की झुलसने से मौत हो गई। जबकि मेंहदी हसन के बाड़े में एक बैल, तीन भैंस, बकरी 12 के बच्चे, गाय का एक बछड़ा व एक बछड़ी मौजूद थे। यहां से केवल एक बैल ही बचाया जा सका। जो पशु आग से बचाए गए, वह भी बुरी तरह से झुलसे हुए हैं।

दूध बेचकर करते थे गुजारा

ग्रामीणों ने बताया कि गफुरदीन व मेंहदी के परिवारों का गुजारा इन पशुओं का दूध बेचकर ही होता था। लेकिन आग के कारण इन दोनों के परिवारों के समक्ष रोटी का सकंट बन गया है। ग्रामीणों के अनुसार पांच माह पहले मेंहदी के पिता की मौत हो गई थी। उसके परिवार की खस्ता हालत को देखते हुए एक माह पहले ग्रामीणों ने मिलजुलकर उसकी बहन का विवाह का प्रबंध किया था। गफुरदीन की बाजू रोगग्रस्त होने के कारण उसका पीजीआइ में उपचार चल रहा है। इसके अलावा 15 दिन पहले ही बेटी की शादी पर अपनी जमा पूंजी खर्च देने के कारण उसकी भी हालत खस्ता ही है।

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