112 चालक-परिचालकों के छुट्टंी जाने से यात्री बेहाल

हरियाणा रोडवेज यमुनानगर डिपो के 112 चालक व परिचालक छुट्टी पर चले गए हैं। जो कर्मचारी छुट्टी पर गए हैं उन्होंने एक साथ सीएल यानि आकस्मिक अवकाश लिया है। इतनी बड़ी संख्या में चालकों व परिचालकों के छुट्टंी लेने से यात्री बेहाल हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:28 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:28 PM (IST)
112 चालक-परिचालकों के छुट्टंी जाने से यात्री बेहाल
112 चालक-परिचालकों के छुट्टंी जाने से यात्री बेहाल

राजेश कुमार, यमुनानगर

हरियाणा रोडवेज यमुनानगर डिपो के 112 चालक व परिचालक छुट्टी पर चले गए हैं। जो कर्मचारी छुट्टी पर गए हैं, उन्होंने एक साथ सीएल यानि आकस्मिक अवकाश लिया है। इतनी बड़ी संख्या में चालकों व परिचालकों के छुट्टंी लेने से यात्री बेहाल हो गए हैं। बस स्टैंड पर खड़े होकर उन्हें बसों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूल, कालेज जाने वाले विद्यार्थियों की बढ़ गई है। पहले उन्हें अपने गांव के अड्डे पर खड़े होकर कालेज जाने के लिए बस का इंतजार करना पड़ता है। इसके बाद छुट्टी होने पर घर जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। 412 में से 112 चालक-परिचालक छुट्टी पर

यमुनानगर डिपो में कुल 412 चालक-परिचालक हैं। इनमें 193 परिचालक व 219 चालक हैं। 193 परिचालकों में से 57 छुट्टी पर हैं और 136 ही रूट पर हैं। उधर, 219 चालकों में से 55 ने छुट्टी ले रखी है और 564 ही रूट पर बस चला रहे हैं जबकि पहले से ही डिपो में स्टाफ की कमी है। सीएल के अलावा कुछ कर्मचारियों ने बीमारी के चलते भी अवकाश ले रखा है। काफी संख्या में क्लेरिकल स्टाफ भी सीएल पर चल रहा है। इसलिए डिपो में केवल चालकों-परिचालकों की ही नहीं बल्कि अन्य स्टाफ की भी छुट्टी है। हर साल मिलती हैं 15 से 20 सीएल

रोडवेज कर्मचारियों को हर साल आकस्मिक कार्यों के लिए सीएल मिलती है। सीएल कर्मचारी की नौकरी के हिसाब से मिलती है। जैसे किसी कर्मचारी को डिपो में नौकरी करते हुए 10 साल पूरे हो गए हैं तो उसे साल में 15 सीएम तथा 15 साल से अधिक नौकरी करने पर हर साल 20 सीएल मिलती है। कर्मचारी चाहे तो सीएल को हर माह या फिर साल के आखिरी महीने दिसंबर में एक साथ ले सकता है। परंतु कर्मचारी हर माह की बजाय साल के आखिरी माह में ही सीएल लेना पसंद करते हैं। क्योंकि एक साथ 10 से 15 छुट्टी मिल जाती है। जिस कारण उन्हें परिवार के साथ घूमने फिरने या समय बिताने का मौका मिल जाता है। इसके बाद दूसरा स्टाफ लेगा सीएल

जो कर्मचारी सीएल पर चले गए हैं उनके बाद दूसरा स्टाफ छुट्टी पर जाने की तैयारी कर रहा है। यात्रियों को बसों की कम संख्या के चलते परेशानी न उठानी पड़े इसलिए सारे स्टाफ को एक साथ छुट्टी पर नहीं भेजा जाता। इसलिए दूसरे चालक-परिचालक पहले सीएल पर गए स्टाफ के वापस लौटने का इंतजार करने लगे हैं। अन्य स्टाफ ने भी सीएल के लिए आवेदन कर रखा है। इस वक्त रोडवेज के बेड़े में 130 बसें हैं। रोजाना बसों में 40 से 45 हजार यात्री सफर करते हैं। कुछ रूट पर बसों के चक्कर घटाए हैं : बलिद्र शर्मा

यमुनागर डिपो के ड्यूटी इंस्पेक्टर बलिद्र शर्मा का कहना है कि 57 परिचालक व 55 चालकों ने इस माह सीएल ले ली है। इससे डिपो में चालकों-परिचालकों की कमी हो गई है। इसका असर यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं पर रहा है। स्टाफ की कमी के कारण कुछ रूटों पर बसों के चक्कर घटाने पड़ रहे हैं। स्टाफ आने के बाद ही रूटों पर बसें नियमित रूप से चल पाएंगे।

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