हादसों का सफर दूर करने को तैयार की कार्ययोजना

हादसों का सफर दूर करने को प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। सबसे ज्यादा एक्सीडेंट वाले प्वाइंट पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जीटी रोड का निर्माण कार्य होने पर वहां के हादसे वाले स्थानों को ठीक कर लिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 06:54 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 06:54 PM (IST)
हादसों का सफर दूर करने को तैयार की कार्ययोजना
हादसों का सफर दूर करने को तैयार की कार्ययोजना

जागरण संवाददाता, सोनीपत : हादसों का सफर दूर करने को प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। सबसे ज्यादा एक्सीडेंट वाले प्वाइंट पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जीटी रोड का निर्माण कार्य होने पर वहां के हादसे वाले स्थानों को ठीक कर लिया जाएगा। उनके अलावा नौ ऐसे दुर्घटना बहुल क्षेत्र हैं, जहां पर रोड इंजीनियरिग की गड़बड़ी के चलते लोगों का जीवन दाव पर है। हालत यह है कि दो साल में दुर्घटना बहुल क्षेत्र की संख्या 22 से बढ़कर 36 हो गई है। इनमें से 15 को ठीक करने का काम चल रहा है। दो तरह के दुर्घटना बहुल क्षेत्र

जिले के दो तरह के दुर्घटना बहुल क्षेत्र हैं। एक स्थाई और दूसरे अस्थाई। स्थाई दुर्घटना बहुल क्षेत्र रोड इंजीनियरिग में गड़बड़ी के चलते बने हैं। सड़क, चौक, यू-टर्न और फ्लाईओवर के निर्माण के समय वाहन संचालन में सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया। निर्माण में की गई लापरवाही अब लोगों का जीवन लील रही है। ऐसे स्थानों पर जरा सी लापरवाही से हादसा हो जाता है। इन स्थानों पर वाहन चालकों को अपने साथ ही दूसरों के वाहनों पर ज्यादा नजर रखनी पड़ती है।

दूसरे अस्थाई दुर्घटना बहुल क्षेत्र हैं। ये निर्माण कार्य के चलते, पुल-पुलिया या सड़क के टूटने और होटल संचालकों द्वारा अस्थाई कट, यू-टर्न बना लेने से बन गए हैं। इन पर सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं। इनको दूर करने के लिए प्रशासन की ओर से पहल की जा रही है। जीटी रोड का निर्माण पूर्ण हो जाने पर करीब 15 दुर्घटना बहुल क्षेत्र खत्म हो जाएंगे। इन दुर्घटना बहुल क्षेत्र पर किया जा रहा सुधार कार्य :

प्याऊ मनियारी, बहालगढ़, कुमासपुर, बीसवांमील, कुंडली चौक, मुरथल फ्लाईओवर के पास, मामा-भांजा चौक, ड्रेन संख्या के तीन पुल। इनका सुधार नहीं आसान :

आइटीआइ चौक, रोहतक रोड फ्लाईओवर, सेक्टर 12 मोड़, तिरंगा चौक, अग्रसेन चौक, कालूपुर चौक, चंद्रशेखर आजाद चौक, गोहाना-मुरथल बाइपास कामी चौक और बड़वासनी मोड़। अदृश्यता की बनी है स्थिति :

बड़वासनी नहर पर दो नहरों के बीच से होकर वाहनों का संचालन होता है। यहां पर हर साल कई वाहन नहरों में गिरते हैं, जिससे कई लोगों की मौत होती है। इसी तरह नहरों-रजवाहों के पुल और मोड़ पर भी लाइट की व्यवस्था नहीं है, जिससे अक्सर वाहन पानी में गिर जाते हैं। दो महीने पहले ही नहर में कार गिरने से परिवार के चार लोगों की मौत हुई थी। नहीं रुक रही अवैध पार्किग :

सड़कों पर वाहन पार्क करने की प्रवृति पर रोक नहीं लग पा रही है। हाईवे पर होटलों-ढाबों के आसपास और लिक रोड पर भी लोग अपने वाहनों को सड़क किनारे खड़ा करते हैं। ऐसे में वाहन का एक हिस्सा सड़क पर होने से अक्सर हादसे हो जाते हैं। शुरू किया अभियान :

- जीटी रोड पर निर्माण कार्य में तेजी

- वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाने का काम

- हादसे वाले स्थानों पर संकेतक और बोर्ड लगाने का काम

- तीव्र मोड़ पर रिफ्लेक्टर बोर्ड और टेप लगाने का काम

- तीव्र मोड़ से पहले ब्रेकर बनाने का कार्य

- सड़कों के किनारे के पेड़ों पर रिफ्लेक्टर प्लेट और पेंट लगाने का कार्य

- सड़क किनारे वाहन खड़ा करने वालों पर कार्यवाई

- अवैध कटों को बंद कराने का कार्य दुर्घटना बहुल क्षेत्र पर सुधार का कार्य तेज कर दिया गया है। कम दृश्यता वाले क्षेत्रों में लाइट लगवाई जा रही हैं। वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप लगवा रहे हैं। सड़क पर वाहन खड़ा करने वालों की निगरानी शुरू कर दी गई है। लोगों को सुरक्षित सफर के लिए जागरूक किया जा रहा है।

- मुनीश कुमार शर्मा, एडीसी, सोनीपत।

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