अफसरों की टीम ने किया ब्लैक स्पाट का निरीक्षण
अफसरों की टीम ने बुधवार शाम को ब्लैक स्पाट (हादसे वाले स्थानों) का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने एसडीएम की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय टीम का गठन किया था। इसमें विभिन्न विभागों के अफसर शामिल किए गए।
जागरण संवाददाता, सोनीपत: अफसरों की टीम ने बुधवार शाम को ब्लैक स्पाट (हादसे वाले स्थानों) का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने एसडीएम की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय टीम का गठन किया था। इसमें विभिन्न विभागों के अफसर शामिल किए गए। अधिकारियों ने ब्लैक स्पाट पर रुककर यातायात का संचालन देखा। हादसे होने के कारणों को समझा और उनको दूर करने पर चर्चा की। यातायात संचालन का वीडियो बनवाया गया। उसको लैब में देखकर बारीकियों को समझा जाएगा।
जिले में 28 ब्लैक स्पाट हैं। यहां पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। हर साल औसतन 400 लोगों की जान सड़क हादसों में जाती है। विशेषज्ञों ने तीन साल पहले इन ब्लैक स्पाट पर रोड इंजीनियरिग में गड़बड़ी की रिपोर्ट दी थी। उसके आधार पर संबंधित विभागों को ब्लैक स्पाट का दोबारा से निर्माण कराना था, जिससे हादसों को कम किया जा सके। इसकी रिपोर्ट संबंधित विभागों को दी गई, लेकिन उन्होंने अपने विभाग का कार्य होने से ही हाथ खड़े कर दिए। परिवहन विभाग की ओर से कई बार रिमांडर भेजे गए, लेकिन कार्य नहीं हुआ।
उपायुक्त श्यामलाल पूनिया ने ब्लैक स्पाट पर कार्य न होने से कड़ी नाराजगी जताई थी। उन्होंने 26 मार्च को रोड सेफ्टी की मीटिग में टीम बनाकर दोबारा से सर्वे करने और संबंधित विभागों के अधिकारियों को साथ रखने के आदेश दिए थे। उन्होंने संबंधित स्थानों के यातायात का वीडियो भी बनाने को कहा था, जिससे अधिकारी बारीकी से उसका अवलोकन कर सकें। इसी क्रम में टीम ने बुधवार शाम को निरीक्षण शुरू किया। कई विभागों के अधिकारी शामिल
उपायुक्त ने एसडीएम शशि वसुंधरा की अध्यक्षता में टीम का गठन किया था। इस टीम में आरएसए शक्तिसिंह, परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा अधिकारी राजेश मलिक, एनएचएआइ के विशेषज्ञ अविनाश सिंह, पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन भूपेंद्र सिंह, नगर निगम के एक्सईएन पंकज कुमार, रोडवेज के मुख्य निरीक्षक रोहताश सिंह, यातायात पुलिस के शिवकांत सिंह मौजूद रहे। इन स्थानों का किया सर्वे -
टीम ने शाम को कालूपुर चुंगी, आइटीआइ चौक, बस स्टैंड, महाराणा प्रताप चौक, अग्रसेन चौक, बहालगढ़ चौक और मुरथल चौक का सर्वे किया। टीम ने उक्त स्थानों की रिपोर्ट मौके पर ही तैयार की। वहां पर संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय की गई। इस रिपोर्ट को अब उपायुक्त को प्रस्तुत किया जाएगा। संबंधित विभागों को इसके सुधार के लिए निर्धारित समय दिया जाएगा।
हम सुरक्षित सफर के मिशन पर काम कर रहे हैं। उसके चलते ही उपायुक्त ने एसडीएम की अध्यक्षता में टीम को सर्वे के लिए भेजा था। शाम को सबसे ज्यादा यातायात होता है, इसके चलते यह समय चुना गया था। इसके बेहतर परिणाम सामने आ सकेंगे।
- राजेश मलिक, सड़क सुरक्षा अधिकारी, परिवहन निगम