गैंगस्टर ने महेश को दिया था रियल एस्टेट कारोबार का मैनेजर बनाने का भरोसा

गैंगस्टर रामकरण बैंयापुर ने रोहतक पुलिस के सिपाही महेश को अपने रियल एस्टेट कारोबार का जिम्मा सौंपने का भरोसा दिया था। उसने संदीप बड़वासनी गैंग के शार्प शूटर अजय उर्फ बिट्टू की हत्या के बदले में महेश को प्लाटिग और भवन निर्माण के अपने धंधे का मैनेजर बनाने का भरोसा दिया था।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 10:07 PM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 10:07 PM (IST)
गैंगस्टर ने महेश को दिया था रियल एस्टेट कारोबार का मैनेजर बनाने का भरोसा
गैंगस्टर ने महेश को दिया था रियल एस्टेट कारोबार का मैनेजर बनाने का भरोसा

डीपी आर्य, सोनीपत

गैंगस्टर रामकरण बैंयापुर ने रोहतक पुलिस के सिपाही महेश को अपने रियल एस्टेट कारोबार का जिम्मा सौंपने का भरोसा दिया था। उसने संदीप बड़वासनी गैंग के शार्प शूटर अजय उर्फ बिट्टू की हत्या के बदले में महेश को प्लाटिग और भवन निर्माण के अपने धंधे का मैनेजर बनाने का भरोसा दिया था। महेश के जेल में रहने तक उसके परिवार का पूरा खर्च उठाने की भी डील हुई थी। रामकरण का जिले में बड़े स्तर पर रियल एस्टेट का धंधा है।

रामकरण से पूछताछ में रोजाना नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। गैंगस्टर ने सीआइए टीम की पूछताछ में बताया कि उसने सिपाही महेश का ब्रेनवाश किया था। महेश उग्र स्वभाव का है। वह कुछ भी करने को तत्काल तैयार हो जाता था। महेश को अजय से अपनी जान की सुरक्षा और परिवार का सुरक्षित भविष्य दोनों चाहिए थे। वहीं रामकरण हर हाल में अजय की हत्या कराना चाहता था। अजय से रामकरण और महेश दोनों को ही खतरा था। महेश की इस स्थिति का फायदा रामकरण ने उठाया। उसने महेश के जेल में रहने तक उसके परिवार का पूरा खर्च उठाने और जमानत पर आने के बाद अपने रियल एस्टेट कारोबार का मैनेजर बनाने का भरोसा दिया था। दरअसल महेश अजय की हत्या के बाद गैंगवार में पड़ना नहीं चाहता था। वह सामान्य जीवन व्यतीत करने का पक्षधर था। रामकरण ने बताया कि महेश को कोई सुपारी नहीं दी गई थी। उससे 50 लाख रुपये के लेनदेन को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ था। भूमाफिया के रूप में सामने आया गैंगस्टर रामकरण

पुलिस पूछताछ में गैंगस्टर रामकरण का भूमाफिया का नया रूप सामने आया है। वह बेशकीमती जमीन को दबंगई के बल पर कब्जाने और लोगों से उगाही के रुपये को प्रापर्टी डीलर के रूप में नंबर एक का करने का धंधा करता था। उसकी शहर क्षेत्र में 10 एकड़ जमीन है, जिस पर प्लाटिग करने और मकान बनाने की प्लानिग है। गैंगस्टर रामकरण ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 1998 से उसने शराब का धंधा शुरू किया था। उसके बाद 2004 में उसकी जमीन का अधिग्रहण हो गया। मुआवजे के चार करोड़ रुपये उसे 2006 में मिले थे। उसके बाद वह शराब के साथ ही रियल एस्टेट का धंधा भी करने लगा था। उसने शहर के आसपास अच्छी कीमत वाली 10 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन एकत्र कर ली है। जो जमीन उसको पसंद आ जाती थी, वह उसकी हो जाती थी। वह लोगों को मामूली कीमत देकर जमीन को अपने नाम कर लेता था। उसके खिलाफ किसी की पुलिस में जाने की हिम्मत नहीं है। अभी पुलिस ऐसे लोगों का पता लगा रही है, जो जमीन के धंधे में रामकरण गैंग के उत्पीड़न-अपराध का शिकार बने हों। गैंगस्टर अजय की हत्या के बदले महेश को सुपारी तय नहीं हुई थी। रामकरण ने उसके परिवार का खर्च उठाने और अपने रियल एस्टेट कारोबार का प्रबंधन सौंपने का भरोसा दिया था। रामकरण और सिपाही महेश दोनों ही अजय से असुरक्षित महसूस कर रहे थे।

- अनिल कुमार, प्रभारी निरीक्षक, सीआइए-2

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