नाहरी गांव में अब कोई नहीं करेगा मृत्युभोज (एंकर)
क्षेत्र के गांव नाहरी में सर्वसमाज की पंचायत में मृत्यु भोज न करने का निर्णय लिया गया।
संवाद सहयोगी, राई (सोनीपत): क्षेत्र के गांव नाहरी में सर्वसमाज की पंचायत में मृत्यु भोज न करने का निर्णय लिया गया। रविवार को नाहरी गांव में हुई पंचायत में करीब 500 लोग शामिल हुए। पंचायत की अध्यक्षता नंबरदार ओमप्रकाश दहिया ने की। ग्रामीणों ने आम सहमति से इसको स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही शादी-विवाह के बाद मेहमानों को दी जाने वाली विदाई राशि (खरड़ की मान) पर भी रोक लगाने पर चर्चा हुई, लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन सकी। पंचायत में बेवजह का बोझ बनी मान्यताओं को समाप्त करने, पर्यावरण संरक्षण करने व युवाओं को संस्कारित करने पर भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। पंचायत का यह फैसला तत्काल प्रभावी हो गया है।
गांव में हुई पंचायत में निर्णय लिया गया कि मृत्यु भोज की वर्षों पुरानी प्रथा से शोक संतप्त परिवारों पर अनावश्यक आर्थिक भार पड़ता है। परिवार के सदस्य की मृत्यु होने के दुख के साथ ही दावत करना न्याय संगत नहीं है। इसमें बेवजह का खर्च होने के साथ ही गलत संदेश भी जाता है। आजकल कई क्षेत्रों में इस प्रथा पर रोक लग गई है। यहां पर मृत्यु भोज बंद करने का निर्णय पहले अपने गांव से ही शुरू करने पर सहमति बनी। इसके बाद क्षेत्र के अन्य गांवों के लोगों से संपर्क कर इस प्रथा को बंद करने का आग्रह किया जाएगा।
पद्म सिंह दहिया ने बताया कि पंचायत में पॉलीथिन के कारण बढ़ रहे प्रदूषण पर भी विचार हुआ। पॉलीथिन पर सर्वसम्मति से रोक का निर्णय लिया गया। इस दौरान खरड़ की मान पर भी लोगों ने रोक लगाने की मांग की। हालांकि इस पर सहमति नहीं बन सकी। इस दौरान इंद्रजीत सिंह दहिया, मुकेश दहिया, नीरज दहिया, रविद्र प्रधान, विक्की ठेकेदार, प्रीतम दहिया, रविद्र उर्फ भोलू, डॉ. रामस्वरूप आर्य, सुरेंद्र, कृष्ण, चंदन सिंह, हुकम सिंह, होशियार सिंह व करतार सिंह आदि मौजूद रहे।