सामाजिक संगठनों ने संभाला कोविड से जागरूकता का जिम्मा

कोविड के नए वैरिएंट (ओमिक्रोन) से संक्रमित लोगों के मिलने और तीसरी लहर फैलने से आशंकित सामाजिक संगठनों ने लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। उनको मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और शारीरिक दूरी व सैनिटाइजर का प्रयोग करने पर जोर दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 04:19 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 04:19 PM (IST)
सामाजिक संगठनों ने संभाला कोविड से जागरूकता का जिम्मा
सामाजिक संगठनों ने संभाला कोविड से जागरूकता का जिम्मा

जागरण संवाददाता, सोनीपत: कोविड के नए वैरिएंट (ओमिक्रोन) से संक्रमित लोगों के मिलने और तीसरी लहर फैलने से आशंकित सामाजिक संगठनों ने लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। उनको मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और शारीरिक दूरी और सैनिटाइजर का प्रयोग करने पर जोर दिया जा रहा है। कोरोना के नए रूप की वैक्सीन और दवा नहीं होने से चितित विभिन्न संगठनों व बुद्धिजीवियों का मानना है कि बचाव ही उपाय है। जिन लोगों को कोरोना के नए रूप की भयावहता का अहसास नहीं है, उनको अभी से जागरूक कर दिया जाए, ताकि संक्रमण फैलने ही न पाए। इसके लिए इंटरनेट साइट से लेकर गलियों-कालोनियों और बाजारों तक में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। नहीं है ज्यादा जानकारी: कोरोना के नए रूप ओमिक्रोन के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। विशेषज्ञों ने अभी तक की जांच में यह साफ कर दिया है कि इसकी संक्रमण दर ज्यादा होगी, यानि यह बहुत तेजी से फैलेगा। इसके आरंभिक लक्षण बुखार-खांसी और जुकाम भी सामने नहीं आएंगे। संक्रमण में केवल भूख कम लगने और थकान बढ़ने के साथ ही फेफड़ों पर संक्रमण होने की बात कही जा रही है। ऐसे में अपने साथ के लोगों के भी संक्रमित होने का पता एकाएक नहीं चल सकेगा। जब तक पता चलेगा, तब तक वह अन्य कई लोगों के संपर्क में आ चुके होंगे। ऐसे में जरूरी है कि सभी व्यक्तियों को संक्रमित मान लिया जाए और बचाव के पहले वाले उपायों को अपनाया जाए। इसके लिए हमने इंटरनेट मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया है। लोगों को वाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि पर मैसेज भेजकर जागरूक कर मास्क व शारीरिक दूरी को प्रेरित जा रहा है।

- गौरी कपूर, निदेशक, डिजिटल द्रोणाचार्य

हर वर्ग को किया जा रहा जागरूक :कोविड के दोनों रूप फैलने का खतरा बढ़ रहा है। एक ओर जहां पुराने वैरिएंट के संक्रमित फिर सामने आने लगे हैं, वहीं नए वैरिएंट के संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है। प्रशासन का फोकस विदेशों से आने वाले लोगों पर है। हम प्रशासन का जिम्मा मानकर ही शांत नहीं बैठ रहे हैं। हमने अपने स्तर पर प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को जागरूक करने का जिम्मा संभाला है। हमने रेहड़ी वालों, नुक्कड़-चौराहों पर दुकान लगाने वालों, कामगारों, मलिन बस्तियों के लोगों-बच्चों, घरों में सफाई का काम करने वाली महिलाओं और समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोग को साथ लेकर मास्क लगाने और शारीरिक दूरी का पालन करने को प्रेरित करना शुरू कर दिया है। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

- नितिन जैन, संस्थापक, स्प्रेड स्माइल फाउंडेशन पहले मास्क लगाओ, फिर बाजार में आओ: हमने बाजार के दुकानदारों को प्रेरित करना आरंभ कर दिया है। वह किसी भी ऐसे व्यक्ति को सामान ना दें, जिसने मास्क नहीं लगाया हो। कोरोना का पिछला भयावह कहर हमने देखा है। अंतिम संस्कार तक को स्थान नहीं मिला। जिनके परिवारों में मौत हुई हैं, उनके दुखों का पारावार नहीं है। सभी कारोबार और व्यवसाय तभी हैं, जब लोग स्वस्थ होंगे। हमने दुकानदारों को प्रेरित किया है कि वह अपनी दुकान पर किसी को बिना मास्क के नहीं आने दें। कहीं ऐसा न हो कि आमदनी के लालच में हम बीमारी से संक्रमित हो जाएं। साथ ही बाजारों के मुख्य प्रवेश मार्गों पर भी ड्यूटी लगाई जाएगी, जिससे बिना मास्क वालों को बाजार में प्रवेश ही नहीं करने दिया जाए।

- बिट्टू जैन, प्रधान, कच्चे क्वार्टर बाजार एसोसिएशन आओ बनाएं सेफ सोनीपत: पिछले संक्रमण से हमारे जिले ने बड़ा नुकसान झेला है। जब तक हम जागरूक हुए, कई अपने संसार से जा चुके थे। अब की बार गलती नहीं दोहरानी है। अभी से मास्क और शारीरिक दूरी के नियमों का ऐसी कड़ाई से पालन करना है कि कोई भी वैरिएंट हमको नुकसान नहीं पहुंचा सके। हमने जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। ऐसा माहौल पैदा करने की तैयारी है, जिसमें सड़कों पर कोई व्यक्ति बिना मास्क के दिखाई न दे। बचाव का एकमात्र यही उपाय है।

- संजय सिगला, प्रभारी, सेफ इंडिया फाउंडेशन

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