अवैध रूप से चलाई जा रही है फलों-सब्जियों की नर्सरी

सीएम विडो से आई जांच के बाद निरीक्षण में सामने आया कि जिले में एक मात्र नर्सरी ही पंजीकृत है। अधिकारियों ने नर्सरी पर छापामारी कर उनको सीज करना शुरू कर दिया है। पहले दिन 14 नर्सरी को सीज किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 06:09 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 06:09 PM (IST)
अवैध रूप से चलाई जा रही है फलों-सब्जियों की नर्सरी
अवैध रूप से चलाई जा रही है फलों-सब्जियों की नर्सरी

जागरण संवाददाता, सोनीपत : जिले में दर्जनों स्थानों पर फलों व सब्जियों की नर्सरी अवैध रूप से चलाई जा रही हैं। नर्सरी संचालकों ने न तो विभाग से लाइसेंस लिया है और न ही पौधों की गुणवत्ता का कोई बिल उपलब्ध करवाया है। इसकी वजह से किसानों को न तो गुणवत्तायुक्त पौधे मिल पा रहे हैं और न ही सरकार की योजनाओं का लाभ मिल पाता है। किसानों ने इसकी शिकायत सीएम विडो पर की है। सीएम विडो से आई जांच के बाद निरीक्षण में सामने आया कि जिले में एक मात्र नर्सरी ही पंजीकृत है। अधिकारियों ने नर्सरी पर छापामारी कर उनको सीज करना शुरू कर दिया है। पहले दिन 14 नर्सरी को सीज किया गया।

यह हैं मानक :

सरकार का प्रयास फल और सब्जियों की गुणवत्तायुक्त खेती कराने पर है। इसके लिए किसानों को गुणवत्तायुक्त प्रजातियों के पौधे लगाने को प्रेरित किया जा रहा है। उद्यान विभाग किसानों के बीच जाकर गुणवत्तायुक्त फलों की प्रजातियों की जानकारी देता है और उनको लगाने वालों को अनुदान दिया जाता है। बाग लगाने में आने वाले खर्च और पौधों को पालने में प्रयुक्त होने वाले उर्वरक के खर्च का काफी हिस्सा विभाग द्वारा किसानों को प्रदान किया जाता है। इसके लिए किसानों को नर्सरी का बिल जमा कराना होता है। उक्त बिल में पौधों की नस्ल का विवरण भी होता है, जिससे फलों की गुणवत्ता बनी रहे और किसानों को ज्यादा मुनाफा हो सके।

हो रही गड़बड़ी :

बाग लगाने वाले किसानों से नर्सरी वाले खुद ही संपर्क करते हैं। वह पौधे देने से लेकर उनको लगवाने तक का ठेका ले लेते हैं। किसानों को बाग लगवाने के बाद अनुदान लेने के लिए उद्यान विभाग में आवेदन करना होता है। बैंयापुर के किसान कंवल सिंह ने बताया कि उन्होंने एक एकड़ में नींबू का और एक एकड़ में अमरूद का बाग लगवाया था। उसके बिल लगाकर उद्यान विभाग में अनुदान के लिए आवेदन किया गया। तब सामने आया कि जिस नर्सरी से उन्होंने बाग लगवाए गए हैं, वह पंजीकृत ही नहीं हैं। नर्सरी वालों के पास पौधे खरीदने, पौधे कहीं से लाने या गुणवत्तायुक्त बीज से उनको तैयार करने का कोई प्रमाण नहीं मिला।

ये नर्सरी की गईं सील :

उद्यान विभाग की टीम जिला उद्यान विकास अधिकारी ज्वाला सिंह, प्रदीप कुमार और चांदराम ने जिला उद्यान अधिकारी के साथ मिलकर छापामारी की। मानकों के अनुसार बिल व लाइसेंस उपलब्ध नहीं कराने पर सेक्टर-15 के पास गढ़ शहजानपुर रोड पर अंकित नर्सरी, शिवम नर्सरी, बालाजी, कृष्णा, रश्मी, विष्णु, हरियाली नर्सरी आदि को सील कर दिया है। इनको सील करने के साथ ही नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

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छापामारी में ज्यादातर नर्सरी अवैध मिली हैं। उनको सील कर दिया गया है। बाग लगाने वाले किसान एक बार उद्यान विभाग में संपर्क कर लें। हमेशा गुणवत्ता युक्त पौधों का ही बाग लगाए जिससे विभागीय अनुदान और बाग तैयार होने पर बेहतर बाजार मिल सके।

- डा. राकेश कुमार अहलावत, जिला उद्यान अधिकारी, सोनीपत।

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