प्रदर्शनकारियों का रौद्र रूप देखकर खौफ में हैं क्षेत्र के लोग
प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने से सरकार और पुलिस बचते रहे हैं। इनके हिसक होने के बावजूद प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई हैं। पिछले दिनों दिल्ली के नरेला थाने की पुलिस को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया था।
जागरण संवाददाता, सोनीपत: तीनों कृषि कानूनों के विरोध के साथ शुरू हुआ आंदोलन अब निरंकुश प्रदर्शन बनकर रह गया है। प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने से सरकार और पुलिस बचते रहे हैं। इनके हिसक होने के बावजूद प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई हैं। पिछले दिनों दिल्ली के नरेला थाने की पुलिस को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया था। उसके बावजूद पुलिस ने संयम से काम लिया। प्रदेश में कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की गतिविधियां हिसक रहीं। कभी मुख्यमंत्री का हैलीपैड उखाड़ दिया गया तो कभी विधानसभा स्पीकर की कार तोड़ दी गई। ज्यादातर लोग उन घटनाओं को राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखते रहे।
कई बार कुंडली क्षेत्र के लोगों ने प्रदर्शनकारियों पर बदसलूकी के आरोप लगाए। उसके बावजूद समाज के कुछ लोगों की हमदर्दी प्रदर्शनकारियों के साथ रही। कई बार क्षेत्रीय लोगों और प्रदर्शनकारियों में हालात तनावपूर्ण भी हुए। दोनों पक्ष आमने-सामने भी आए, लेकिन आंदोलनकारियों का यह रूप कभी देखने को नहीं मिला। इससे क्षेत्र के लोग भी खौफ में हैं। ज्यादातर लोग शुक्रवार को आंदोलन स्थल की ओर जाने की हिम्मत तक नहीं जुटा सके। दिनभर निहंगों की क्रूरता के वीडियो वायरल होते रहे।
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हम पहले से ही अधिकारियों को सचेत करते रहे हैं। उसके बावजूद शासन-प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। सुप्रीम कोर्ट भी आदेश कर चुका है। कृषि कानून के नाम पर हो रहे इस प्रदर्शन को तत्काल खत्म कराया जाए। इस क्षेत्र को समय रहते खाली नहीं कराया गया तो यह राष्ट्र व समाज विरोधी विचारधारा का बड़ा गढ़ साबित होगा।
- हेमंत नांदल, अध्यक्ष, राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच
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क्षेत्र के हालात अच्छे नहीं हैं। पूरे क्षेत्र के लोग एक तरह से कैद हैं। कारोबार ठप हो गए हैं। प्रदर्शन के नाम पर कभी खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन किया जाता है तो कभी राष्ट्र विरोधी बयान दिए जारी किए जाते हैं। इस घटना के वीडियो देखकर प्रदर्शनकारियों की हिसक मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यदि तत्काल कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो हालात बेकाबू हो जाएंगे।
- चरण सिंह चौहान, प्रदेश पदाधिकारी, राजपूत संघ
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वायरल हो रहे वीडियो भयभीत करने वाले हैं। इनको देखकर अनहोनी की आशंका होने लगी है। लोग अपने बच्चों और स्वजन को संबंधित क्षेत्र की ओर नहीं जाने दे रहे हैं। रात होने ही ज्यादातर लोग घरों में कैद हो जाते हैं। यदि इनको क्षेत्र से नहीं हटाया गया तो गांवों से पलायन शुरू हो जाएगा। क्षेत्र को बर्बाद होने से बचाने के लिए अब इन्हें रोकना होगा।
- दीपक चौहान, प्रदेश महासचिव, करणी सेना