एसटीएफ ने आरोपितों से बरामद किए 12 सौ कंप्यूटर

गैंग के बदमाश उच्च शिक्षित हैं। वे मास्टर डिग्री और इंजीनियरिग की डिग्री प्राप्त किए हुए हैं। आरोपितों को कंप्यूटर व नेटवर्क संचालन में महारथ हासिल है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 08:25 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 08:25 PM (IST)
एसटीएफ ने आरोपितों से बरामद किए 12 सौ कंप्यूटर
एसटीएफ ने आरोपितों से बरामद किए 12 सौ कंप्यूटर

जागरण संवाददाता, सोनीपत : आनलाइन परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के एक अन्य बदमाश को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपित जींद के गांव श्यामलो कलां का रहने वाला आशीष है। पुलिस इस मामले में छह आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपितों को पानीपत की अदालत में पेशकर आठ दिन के रिमांड पर लिया गया है। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर 12 सौ कंप्यूटर, छह लैपटाप, 10 मोबाइल व कई ब्लैंक चेक बरामद किए हैं।

एसटीएफ के डीएसपी महेश कुमार ने बताया कि हैकिग साफ्टवेयर का प्रयोग कर नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के छह बदमाशों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें मूलरूप से गांव गोरड़ फिलहाल अपेक्स ग्रीन मुरथल के अशोक, गोरड़ फिलहाल पटेल नगर के मोनू, गोरड़ के आशीष, जयपुर के मोतीनगर के आकाश, राजस्थान के दोसा कोड़ला के गौरी व जयपुर के पानावाला के आकाश कुमार को पकड़ा गया था। अब टीम ने जींद के श्यामलो कलां के आशीष को गिरफ्तार किया है।

यह सामान किया बरामद

एसटीएफ सोनीपत के प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि गिरोह के सदस्यों ने 1200 कंप्यूटर, 130 हार्ड डिस्क, पैन ड्राइव, कई ब्लैंक चेक, छह लैपटाप और 10 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। नौकरी लगवाने की एवज में ब्लैंक चेक लिए जाते थे। कंप्यूटर आरोपितों की लैब से बरामद किए गए है। लैब गन्नौर, दिल्ली, नागपुर व अन्य स्थानों पर स्थापित की गईं थीं।

आठ साल से चला रहे गिरोह

सतीश देशवाल ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित वर्ष 2013 से गिरोह चला रहे हैं। वह रुपये लेकर प्रतिभागियों को परीक्षा में पास कराते थे। पुलिस उनसे जुड़े सदस्यों के साथ ही इस मामले में शामिल अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार करेगी।

आरोपितों में इंजीनियर व मास्टर भी शामिल

सतीश देशवाल ने बताया कि गैंग के बदमाश उच्च शिक्षित हैं। वे मास्टर डिग्री और इंजीनियरिग की डिग्री प्राप्त किए हुए हैं। आरोपितों को कंप्यूटर व नेटवर्क संचालन में महारथ हासिल है। ये शातिर हैं और पूछताछ में गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। गैंग हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित 12 राज्यों में सक्रिय था।

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