रुपये न होने पर अस्पताल ने छह घंटे नहीं दिया युवक का शव

सड़क हादसे में घायल युवक की एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। गरीब स्वजन बिल भुगतान थोड़ी देर में करने की बात कहकर शव को पोस्टमार्टम को भिजवाने की मांग कर रहे थे। अस्पताल प्रबंधन ने बिल भुगतान न होने तक शव देने से इन्कार कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 06:06 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 06:06 PM (IST)
रुपये न होने पर अस्पताल ने छह घंटे नहीं दिया युवक का शव
रुपये न होने पर अस्पताल ने छह घंटे नहीं दिया युवक का शव

जागरण संवाददाता, सोनीपत : सड़क हादसे में घायल युवक की एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। गरीब स्वजन बिल भुगतान थोड़ी देर में करने की बात कहकर शव को पोस्टमार्टम को भिजवाने की मांग कर रहे थे। अस्पताल प्रबंधन ने बिल भुगतान न होने तक शव देने से इन्कार कर दिया। इस पर स्वजन और रिश्तेदारों ने आपस में रुपये जुटाकर अस्पताल का बिल चुकाया। अस्पताल प्रबंधन ने छह घंटे बाद शव दिया।

बिजेंद्र सिंह ने बताया कि उनका भांजा रनवीर सिंह बिहार के मुंगेर जिले के हवेली खड़कपुर का रहने वाला था। आजकल वह परिवार के साथ दिल्ली के कीर्तिनगर में रहता था। रनवीर सिंह की बुजुर्ग मां परी भी उसके साथ रहती थी। रनवीर के बड़े भाई की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। ऐसे में परिवार का भरण-पोषण अकेले उसके ऊपर ही था। वह टेंपो चलाकर गुजर-बसर करता था। बुधवार रात को वह टेंपो में सामान लेकर केजीपी से आ रहा था। इस दौरान टायर फट जाने से उसका टेंपो केजीपी पर पलट गया। इससे रनवीर सिंह और उसका सहायक दिग्विजय सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से चिकित्सकों ने रनवीर सिंह को पीजीआइ रेफर कर दिया। हालत गंभीर होने पर रनवीर को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां पर तड़के रनवीर की मौत हो गई।

दिग्विजय सिंह ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने बिल के 30 हजार रुपये मांगे। उनके पास इतने रुपये नहीं थे। उन्होंने चिकित्सकों से गुहार लगाई कि वह शव को दे दें, जिससे पोस्टमार्टम हो सके। उनके दो रिश्तेदार अस्पताल में ही रहेंगे, रुपये आते ही बिल का भुगतान कर देंगे। चिकित्सकों ने भुगतान न होने तक शव देने से इन्कार कर दिया। रुपये देने पर छह घंटे बाद शव दिया गया। पुलिस ने बृहस्पतिवार को दोपहर बाद पोस्टमार्टम कराकर शव स्वजन को सौंप दिया।

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अस्पताल का 36 हजार रुपये का बिल हुआ था। स्वजन की स्थिति को देखते हुए छह हजार रुपये छोड़ दिए। उनसे बिल देने को जरूर कहा गया था, लेकिन बिल भुगतान नहीं होने पर शव को नहीं रोका गया। पुलिस अपनी तैयारी कर रही थी। इसी दौरान उन्होंने बिल का भुगतान कर दिया।

- डा. कुमार, प्रवक्ता, अस्पताल

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