घरों से कचरा उठान में खानापूर्ति, शहर के बीचोंबीच डंपिग प्वाइंट

शहर में कचरा उठान की व्यवस्था में हो रही खानापूर्ति का खामियाजा अब निगम को रैंकिग में पिछड़ने के रूप में मिला है। हर रोज छह लाख रुपये से ज्यादा का भारी भरकम खर्च करने के बावजूद अधिकारी व्यवस्था नहीं सुधार पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 05:50 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 05:50 PM (IST)
घरों से कचरा उठान में खानापूर्ति, शहर के बीचोंबीच डंपिग प्वाइंट
घरों से कचरा उठान में खानापूर्ति, शहर के बीचोंबीच डंपिग प्वाइंट

जागरण संवाददाता, सोनीपत:

शहर में कचरा उठान की व्यवस्था में हो रही खानापूर्ति का खामियाजा अब निगम को रैंकिग में पिछड़ने के रूप में मिला है। हर रोज छह लाख रुपये से ज्यादा का भारी भरकम खर्च करने के बावजूद अधिकारी व्यवस्था नहीं सुधार पा रहे हैं। शहर की सफाई व्यवस्था में कोई खास बदलाव नहीं आया। एजेंसी लोगों से डोर-टू-डोर कचरा उठान के रुपये तो ले रही है, लेकिन गाड़ी कई-कई दिन तक दिखाई नहीं देती। ऐसे में लोग जहां-तहां कचरा फेंक देते हैं। सड़कों के किनारे लगे कचरे के ढेर स्वच्छता अभियान का मजाक उड़ाते नजर आते हैं।

निगम की ओर से डोर-टू-डोर कचरा उठाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर पड़ताल करने पर पता चलता है कि घर-घर से तो दूर कचरा प्वाइंटों से भी कई-कई दिन तक कचरे का उठान नहीं हो पा रहा है। नगर निगम ने कचरा उठान का ठेका निजी एजेंसी को दे रखा है। नगर निगम व एजेंसी के कर्मचारी कचरे को शहर में विभिन्न जगह बने कचरा प्वाइंट या एजेंसी की ओर से चलाई जा रही गाड़ियों तक पहुंचाते हैं, लेकिन नगर निगम में अक्सर शिकायत आती है कि कचरा प्वाइंट से सही तरीके से कचरे का उठान नहीं हो रहा है। कचरा प्वाइंटों पर दोपहर तक कचरा सड़ता रहता है।

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शहर की स्वच्छता रैंकिग को सुधारने की बात अधिकारी करते रहे, लेकिन धरातल पर काम नहीं हुआ। शहर में कचरा प्वाइंट बंद करने के आदेश दिए जा चुके हैं। करीब 20 कचरा प्वाइंट बंद करने के आदेश प्रशासनिक स्तर पर हुए हैं, लेकिन अभी भी एटलस रोड, ओल्ड डीसी रोड आदि जगहों पर कचरा डंप किए जा रहे हैं।

शहर में जहां-जहां सड़कों पर कचरा डाला जा रहा है, वहां पर जल्दी ही काम करके इसे बंद करवाया जाएगा। कचरा उठान को और बेहतर किया जाएगा, ताकि लोग यहां कचरा न डाल सके।

- सतेंद्र दहिया, मुख्य सफाई निरीक्षक,नगर निगम

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