पंजाब की डिस्टलरी के जीएम का नहीं उतर रहा बुखार

खरखौदा शराब घोटाले में आरोपित पक्ष जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अभी तक नामजद आरोपित न तो जांच में शामिल हुए हैं और न ही विभागीय जांच में सहयोग कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 06:44 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 06:19 AM (IST)
पंजाब की डिस्टलरी के जीएम का नहीं उतर रहा बुखार
पंजाब की डिस्टलरी के जीएम का नहीं उतर रहा बुखार

जागरण संवाददाता, सोनीपत : खरखौदा शराब घोटाले में आरोपित पक्ष जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अभी तक नामजद आरोपित न तो जांच में शामिल हुए हैं और न ही विभागीय जांच में सहयोग कर रहे हैं। इनके साथ ही पंजाब के राजपुरा की एनवी डिस्टलरी भी एसआइटी का सहयोग नहीं कर रही है। दो महीने से ज्यादा का समय हो जाने पर भी डिस्टलरी का प्रतिनिधि सामने नहीं आ रहा है। प्रत्येक नोटिस के जवाब में जीएम एचआर हर बार बीमार होने का मेडिकल प्रमाणपत्र भेज रहा है, जिसमें उसे बुखार होने की बात कही है। दो महीने से बुखार ही ठीक नहीं हुआ है।

शराब घोटाले में बड़ी भूमिका पंजाब के राजपुरा की एनवी डिस्टलरी की है। शराब तस्कर भूपेंद्र एनवी डिस्टलरी से ही शराब मंगवाता था। डिस्टलरी से मानकों को ताक पर रखकर भूपेंद्र को शराब की तस्करी की जाती थी। भूपेंद्र के यहां शराब एनवी डिस्टलरी की ही पकड़ी गई थी। एसआइटी की जांच में सामने आया कि डिस्टलरी से बिना सरकारी प्रपत्र के भूपेंद्र को शराब दे दी जाती थी। भूपेंद्र की मांग पर ही डिस्टलरी में कई राज्यों को सप्लाई होने वाली शराब कर दी जाती थी जबकि इस डिस्टलरी के पास उन राज्यों में सप्लाई की शराब बनाने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही भूपेंद्र को शराब के अलग-अलग ब्रांड की खाली बोतल और उन पर चस्पा करने के लिए लेबल उपलब्ध कराए जाते थे। इनके सहारे भूपेंद्र एक ही ब्रांड से कई ब्रांड की शराब तैयार कर कई गुना महंगे मूल्य पर बेचता था। जांच से बचने के लिए बना रहे बहाने

एसआइटी दो बार डिस्टलरी की जांच कर चुकी है। अधिकारियों के अनुसार डिस्टलरी में छत्तीसगढ़ में सप्लाई होने वाली शराब और खाली रैपर वहां से मिले थे, जबकि डिस्टलरी के पास इसका कोई लाइसेंस नहीं है। इसके साथ ही एसआइटी ने डिस्टलरी से शराब के सैंपल लिए हैं। उनको जांच के लिए भेजा जाएगा। इस संदर्भ में अधिकारियों को डिस्टलरी से जरूरी जानकारी चाहिए। इसके लिए लगातार पत्राचार किया जा रहा है। चार बार डिस्टलरी को नोटिस जारी किया जा चुका है। पहली बार डिस्टलरी के जीएम एचआर ने कहा था कि लॉकडाउन के चलते उपस्थित होना संभव नहीं है। उसके बाद से लगातार तीन बार वह मेडिकल भेज चुका है। एसआइटी के अनुसार वह खुद को बुखार बता रहा है। उसके व्यवहार से लग रहा है कि बहानेबाजी कर जांच से बचने का प्रयास कर रहा है। डिस्टलरी के जीएम एचआर ने फिर बीमार होने का बहाना कर मेडिकल भेजा है। वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। उसको एक अंतिम नोटिस दिया जाएगा। उसके बाद हम डिस्टलरी में छापामारी करेंगे और आरोपितों को गिरफ्तार करेंगे।

- जोगेंद्र सिंह, डीएसपी, एसआइटी

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