अभी है कोरोना का डर, बाद में बताएंगे क्या करता था भूपेंद्र

भूपेंद्र को अवैध रूप से शराब की सप्लाई करने वाली पंजाब के रजपुरा की एनवी डिस्टलरी ने एसआइटी के नोटिस का जवाब नहीं दिया है। इसका कारण कोरोना का संक्रमण फैलना व स्टाफ की कमी बताया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 06:00 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 06:00 PM (IST)
अभी है कोरोना का डर, बाद में बताएंगे क्या करता था भूपेंद्र
अभी है कोरोना का डर, बाद में बताएंगे क्या करता था भूपेंद्र

डीपी आर्य, सोनीपत

भूपेंद्र को अवैध रूप से शराब की सप्लाई करने वाली पंजाब के रजपुरा की एनवी डिस्टलरी ने एसआइटी के नोटिस का जवाब नहीं दिया है। इसका कारण कोरोना का संक्रमण फैलना व स्टाफ की कमी बताया गया है। डिस्टलरी ने एसआइटी के नोटिस के बदले में एक पत्र भेजा है। नोटिस का जवाब न देने को एसआइटी ने गंभीरता से लिया है। जांच में सहयोग न करने पर डिस्टलरी को आरोपित बनाया जा सकता है। अफसरों का मानना है कि पूरा खेल डिस्टलरी और शराब तस्करों की मिलीभगत से चल रहा था। डिस्टलरी की मिलीभगत के बिना शराब घोटाला संभव ही नहीं था। जल्द जवाब न मिलने पर पंजाब की डिस्टलरी पर एसआइटी की छापामारी हो सकती है।

शराब तस्करी भूपेंद्र का खेल बड़ा अजीब था। उसको आसानी से पकड़ पाना संभव नहीं था। वह सस्ते ब्रांड की असली शराब पंजाब की डिस्टलरी से खरीदता था। उसके बाद महंगे ब्रांड में पैक करके उसकी सप्लाई कर देता था। बोतल और उसका लेबल बिल्कुल असली जैसा होता था, उस पर केवल आबकारी विभाग का लोगो नहीं होता था। ऐसे में तस्करी की शराब को धड़ल्ले से ठेकों पर भी सप्लाई किए जाने की जानकारी जांच टीम को मिली है। वह शराब पर अलग-अलग राज्यों के आबकारी विभाग की सील लगा देता था। भूपेंद्र की तस्करी की शराब को उपभोक्ता पहचान नहीं सकते थे। अफसरों के अनुसार पिछले दिनों पंजाब में डिस्टलरी पर पंजाब के आबकारी विभाग ने छापामारी की थी। वहां पर झारखंड और रांची में सप्लाई होने वाले पैकिग की शराब मिली थी। वह अवैध रूप से तैयार की गई थी। माना जा रहा है कि वह शराब भूपेंद्र के लिए ही तैयार की गई थी। डिस्टलरी कर रही आनाकानी

एसआइटी ने इस मामले में डिस्टलरी को नोटिस जारी किया था। उससे भूपेंद्र को शराब सप्लाई करने के अधिकार के बारे में जानकारी मांगी गई थी। डिस्टलरी से पूछा गया था कि किस आधार पर वह भूपेंद्र को बिना टैक्स चुकाए आपूर्ति दे रहे थे। कब से सप्लाई दी जा रही थी, कितनी सप्लाई दी गई और भूपेंद्र के अलावा अन्य किन लोगों को इस तरह से शराब बेची गई। शराब सप्लाई करने वाले ट्रकों के फर्जी ट्रांसफर प्रपत्र कहां से तैयार कराए जाते थे। इस तरह की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। डिस्टलरी ने इसका जवाब नहीं दिया है। डिस्टलरी प्रबंधन की ओर से एक पत्र एसआइटी को भेजा गया है। उसमें कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के चलते ज्यादातर स्टाफ अवकाश पर है। ऐसे में मांगी गई जानकारी देना संभव नहीं है। डिस्टलरी प्रबंधन ने मांगी गई जानकारी नहीं दी है। उसने कोरोना संक्रमण को आधार बनाया है। हमने दोबारा से नोटिस जारी किया है। यदि बिदुवार सटीक जानकारी नहीं दी जाती है तो इसको तथ्यों को नष्ट करने और जांच में सहयोग न करना माना जाएगा। इस मामले में डिस्टलरी को सहअभियोगी बनाया जा सकता है। शराब तस्करी में संलिप्त किसी भी आरोपित को छोड़ा नहीं जाएगा, भले ही वह डिस्टलरी से संबंधित ही क्यों न हो?

- जितेंद्र सिंह, डीएसपी, प्रभारी एसआइटी

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