आरटीआइ का जवाब देने में आनाकानी कर रहे निगम अधिकारी

आरटीआइ कार्यकर्ता का आरोप है कि अधिकारी मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाना चाहते और प्रश्नात्मक शैली बता कर जवाब देने से इन्कार किया जा रहा है। हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि प्रश्नात्मक शैली में जानकारी नहीं मांगी जा सकती। इसी के चलते जवाब नहीं दिया गया होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:18 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:18 PM (IST)
आरटीआइ का जवाब देने में 
आनाकानी कर रहे निगम अधिकारी
आरटीआइ का जवाब देने में आनाकानी कर रहे निगम अधिकारी

जागरण संवादाता, सोनीपत : आरटीआइ (सूचना का अधिकार) के तहत जवाब मांगे जाने पर नगर निगम अधिकारियों ने मांगी गई सूचना को प्रश्नात्मक शैली में बता कर जानकारी देने से इन्कार कर दिया। आरटीआइ कार्यकर्ता का आरोप है कि अधिकारी मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाना चाहते और प्रश्नात्मक शैली बता कर जवाब देने से इन्कार किया जा रहा है। हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि प्रश्नात्मक शैली में जानकारी नहीं मांगी जा सकती। इसी के चलते जवाब नहीं दिया गया होगा।

पंचशील कालोनी के रहने वाले ममलेश्वर अग्रवाल ने नगर निगम में आइटीआइ का उपयोग करते हुए सात अलग-अलग जानकारी मांगी थी, जिसमें से निगम अधिकारियों ने तीन सवालों को प्रश्नात्मक शैली में जानकारी मांगे जाने की वजह से जवाब नहीं दिए। ममलेश्वर ने पूछा था कि सरकार द्वारा जिस वर्ष से कालोनी को नियमित की जाती है, क्या नगर निगम को उसी वर्ष से विकास शुल्क देने होते हैं या नहीं, विवरण से बताएं। इस सवाल को प्रश्नात्मक शैली बता कर निगम ने जानकारी देने से इन्कार किया है। वहीं, ऐसे ही दो अन्य सवालों को भी प्रश्नात्मक बता कर जानकारी मुहैया नहीं करवाई।

मांगी गई थी ये जानकारी :

प्रश्न - सरकार द्वारा नियमित की गई कालोनी में नियमित होने से पहले हुई रजिस्ट्री पर विकास शुल्क रजिस्ट्री के रकबे का देना होता है या खसरे के कुल रकबे का देना है विवरण बताएं

जवाब - आप के द्वारा मांगी गई सूचना प्रश्नात्मक शैली से संबंधित है। अत: इस संदर्भ में आपको सूचना नहीं दी जा सकती।

प्रश्न - नगर निगम द्वारा पंचशील कालोनी नियमित होने के बाद विकास शुल्क भरने हेतु किस-किस को और कब-कब कितने नोटिस दिए गए है। नोटिस की छायाप्रति मुहैया करवाएं।

जवाब - मांगी गई सूचना सर्जित करने के उपरांत ही देनी संभव हो सकती है एवं आरटीआइ एक्ट 2005 के तहत सूचना सर्जित करके देने का प्रविधान नहीं है।

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प्रश्नात्मक शैली में जानकारी मांगे जाने को तकनीकी पहलू से सही नहीं माना जाता। ऐसे ही सर्जित करके सूचना देने का भी प्रविधान एक्ट में नहीं है। ऐसे में एक्ट के मुताबिक जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई होगी। पार्थी दोबारा से सही फार्मेट में जानकारी हासिल कर सकता है।

धमेंद्र कुमार, आयुक्त, नगर निगम।

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