1.31 लाख मीट्रिक टन गेहूं पड़ा खुले में, किसान चितित

सरकारी स्तर पर गेहूं को ढकने के लिए व्यवस्था न होने से किसानों के साथ ही आढ़ती भी परेशान हैं। आढ़ती अपने स्तर पर गेहूं को ढकने की व्यवस्था कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 06:34 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 06:34 PM (IST)
1.31 लाख मीट्रिक टन गेहूं पड़ा खुले में, किसान चितित
1.31 लाख मीट्रिक टन गेहूं पड़ा खुले में, किसान चितित

दीपक गिजवाल, सोनीपत

जिले की मंडियों व विभिन्न खरीद केंद्रों पर 1.31 लाख मीट्रिक गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है। जिले में खरीदे गए 2,10,547 मीट्रिक टन गेहूं में से 59,414 हजार मीट्रिक गेहूं ही गोदामों तक पहुंच पाया है जबकि 71,760 हजार मीट्रिक टन गेहूं की उठान प्रक्रिया जारी है। एक तरफ मौसम किसान की धड़कनें बढ़ा रहा है, दूसरी और गेहूं का उठान न होने से दो दिन के लिए मंडियों में खरीद बंद हो जाने से किसान परेशान हैं। सरकारी स्तर पर गेहूं को ढकने के लिए व्यवस्था न होने से किसानों के साथ ही आढ़ती भी परेशान हैं। आढ़ती अपने स्तर पर गेहूं को ढकने की व्यवस्था कर रहे हैं।

जिले की चार मंडियों सहित 23 जगह 210547 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। आवक, खरीद व उठान के अंतर ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। मंडियों व गेहूं खरीद केंद्रों पर 13,174 मीट्रिक टन गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है, जो एक बारिश में बर्बाद हो सकता है। एक दिन पहले की बूंदाबांदी के कारण भी मंडियों में पड़े गेहूं में नमी बढ़ गई है। ऐसे गेहूं को यदि गोदामों में भेजा जाता है तो सड़कर खराब हो जाता है। इसके बावजूद मंडियों में गेहूं को ढकने के लिए तिरपाल की व्यवस्था नहीं हो पाई।

37 हजार किसानों में से 14,738 का ही बिका गेहूं :

मेरी फसल, मेरा ब्योरा के आकड़ों के मुताबिक जिले में 37,153 किसान पंजीकृत हैं। हाल के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 14,738 किसानों का 2,10,547 मीट्रिक टन गेहूं बिका है। यानी अभी तक आधे से भी कम किसान ही गेहूं लेकर मंडी में पहुंचे हैं। उसके बाद उठान न होने की वजह से गेहूं की खरीद दो दिन के लिए बंद करनी पड़ी है। अधिक आवक होने पर अधिकारियों के पास मंडी बंद करने के अलावा कोई और विकल्प नजर नहीं आता।

अपने स्तर पर कर रहे है तिरपाल की व्यवस्था : गोयल

अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान पवन गोयल ने बताया कि आवक, खरीद व उठान में अंतर होने के कारण स्थिति बिगड़ी है। गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा। मौसम ने रंग दिखाया तो गेहूं बर्बाद हो जाएगा। एक दिन पहले हुई बूंदाबांदी से भी गेहूं में नमी की मात्रा बढ़ गई है। इसके बावजूद सरकारी स्तर पर गेहूं को भीगने से बचाने की व्यवस्था नहीं हो रही। आढ़ती अपने स्तर पर गेहूं को ढकने का प्रबंधन कर रहे हैं। जिस गति से उठान हो रहा है इससे तो एक सप्ताह में उठान में लग सकता है। ------

गेहूं खरीद कर रही एजेंसियों को उठान के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही हालात सुधरने की उम्मीद है। उसके बाद गेहूं की खरीद सुचारु रूप से चल सकेगी। किसानों से भी शेड़्यूल के मुताबिक ही गेहूं लेकर आने की अपील की गई है।

सुरिद्र अरोड़ा, खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक, सोनीपत

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