उठान की स्थिति नहीं सुधरी तो बंद करनी पड़ सकती है मंडी

खरीद की जिम्मेदारी संभाल रही एजेंसी उठान की व्यवस्था को सुचारू रूप से नहीं चला पा रही हैं जिसके कारण आवक खरीद और गेहूं के उठान का अंतर लगातार बढ़ रहा है। मंडी में करीब दो लाख गेहूं के कट्टे रखे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 06:50 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 06:50 PM (IST)
उठान की स्थिति नहीं सुधरी तो बंद करनी पड़ सकती है मंडी
उठान की स्थिति नहीं सुधरी तो बंद करनी पड़ सकती है मंडी

जागरण संवाददाता, सोनीपत : उठान में खरीद एजेंसियों की ओर से बरती जा रही लापरवाही आने वाले दिनों में किसानों पर भारी पड़ सकती है। धीमी उठान प्रक्रिया गेहूं खरीद को प्रभावित कर सकती है। आलम ये है कि दो लाख के करीब गेहूं के कट्टों व हजारों क्विंटल गेहूं से पटी मंडी में गोहाना की तरह खरीद बंद भी करानी पड़ सकती है। इसका सीधा खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रदेश में 15 अप्रैल देर रात्रि से मौसम में बदलाव होने की संभावना है। वहीं, 16 व 17 अप्रैल को तथा 20 अप्रैल को बादल छाए रहने व बूंदाबांदी की संभावना है।

खरीद की जिम्मेदारी संभाल रही एजेंसी उठान की व्यवस्था को सुचारू रूप से नहीं चला पा रही हैं जिसके कारण आवक, खरीद और गेहूं के उठान का अंतर लगातार बढ़ रहा है। मंडी में करीब दो लाख गेहूं के कट्टे रखे हैं। वहीं, बारदाने की कमी से किसान का गेहूं नहीं बिक पा रहा है। एजेंसी अधिकार मंडी से नदारद हैं। कर्मचारियों के भरोसे कामकाज छोड़ कर कार्यालयों में बैठे अधिकारी गेहूं खरीद के बाद जांच कर रहे हैं, जिसके बाद गोदाम से गेहूं वापस लौटाया जा रहा है। वहीं, गोदाम के बाहर भी गाड़ियों के कतार लगी है। एफसीआइ, हैफेड के कर्मचारी समिति संख्या में ही गेहूं की बोरी उतार रहे हैं।

मंडी में बीत रही रात :

आढ़ती एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन संजय वर्मा ने बताया कि बारदाने की कमी बनी हुई है, जिसके कारण खरीद प्रभावित हो रही है। गेहूं गोदाम से भी वापस लौटाया जा रहा है। मंडी में ऐसे 50 से ज्यादा किसान मंडी हर रोज मिल ही जाते हैं, जिनको बारदाने न होने कारण इंतजार करना पड़ा रहा है। अव्यवस्थाओं के कारण किसानों में असंतोष बढ़ रहा है।

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एजेंसी को उठान प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी निगरानी भी की जा रही है। एजेंसी के गोदामों पर भी गेहूं तेजी से उतरवाने के निर्देश दिए गए हैं। आने वाले दिनों में गेहूं खरीद सुचारु रूप से होगी। किसान भी मैसेज मिलने के बाद ही गेहूं लेकर आए तो समस्या नहीं उठानी पड़ेगी।

- जितेंद्र सैन, सचिव, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, सोनीपत

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गोहाना में पहले की तरह होगा उठान

जागरण संवाददाता, गोहाना :

अनाज मंडी में गेहूं के उठान की आनलाइन व्यवस्था से अधिकारियों, आढ़तियों व किसानों की परेशानी बढ़ गई। अनाजमंडी गेहूं की फसल से अट चुकी हैं। अधिकारियों ने परेशानी को देखते हुए गेहूं के उठान की आनलाइन व्यवस्था को बंद कर दिया है। पहले की तरह गेहूं का उठान कराने का फैसला लिया है। मंडी में अब जिस आढ़ती के यहां फसल बोरियों में भरी मिलेंगी उसी के यहां से उठान करवाया जाएगा।

हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने इस बार अनाज मंडियों में खरीदे गए गेहूं के उठान के लिए आनलाइन व्यवस्था की थी। इस व्यवस्था में जिस आढ़ती को फसल का उठान करवाना होता उसे आनलाइन आवेदन करना होता था। एक ट्रक में औसतन गेहूं की 500 बोरियों को लोड किया जाता है। अगर किसी आढ़ती ने कम बोरियों के लिए आवेदन किया तब दूसरे आढ़ती के यहां से फसल उठानी पड़ती। इसी स्थिति में आढ़तियों में विवाद बढ़ने की संभावना थी। आनलाइन व्यवस्था के चलते मंडी में गेहूं के उठान में परेशानी आ रही थी। बोर्ड ने इस व्यवस्था को बदलकर पहले की तरफ उठान की छूट दे दी है। मंडी में अब जो आढ़ती खरीद के बाद जितना जल्दी बोरियों में गेहूं भरवाएगा, उसके वहां से उतना जल्दी उठान होगा। मंडी में करीब साढ़े छह लाख क्विंटल गेहूं की आवक हुई है, जिसमें से करीब 80 हजार क्विंटल का उठान हो पाया है।

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मंडी में गेहूं के उठान में तेजी लाने के लिए पहले की व्यवस्था बहाल कर दी गई है। जिस आढ़ती के यहां फसल तैयार मिलेगी उसी के वहां से उठान करवा दिया जाएगा।

- जितेंद्र श्योराण, सचिव, गोहाना, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड

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किसान कर सकते हैं गेहूं लाने के शेड्यूल में बदलाव

संवाद सहयोगी, खरखौदा : मंडियों में गेहूं की आवक बढ़ने और गेहूं उतारने के लिए जगह नहीं बचने पर एक बार फिर से आनलाइन मैसेज सिस्टम को शुरू किया गया है। इसमें अब किसान के पास मैसेज पहुंचने पर ही उसके गेहूं को मंडी में आने की इजाजत मिलेगी। ऐसे में अगर किसान को मंडी में लाने वाले गेहूं के शेड्यूल में बदलाव करना है तो वह आनलाइन पोर्टल पर जाकर बदलाव कर सकता है। मार्केट कमेटी, खरखौदा सचिव नरेंद्र कुमार ने बताया कि जब तक गेहूं की आवक धीमी नहीं हो जाती है तब तक आनलाइन सिस्टम के तहत मैसेज आने पर ही किसान को गेटपास मुहैया करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन किसानों के पास पहले गेहूं बेचने के मैसेज आ चुके हैं और वे किसी कारण अपने गेहूं मंडी में नहीं ला पाए वे किसान रि-शेड्यूल कर अपनी फसल को बेचने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए ना केवल सीएससी सेंटर पर जाने के साथ ही मार्केट कमेटी कार्यालय में आकर भी अपना शेड्यूल बदलवा सकते हैं।

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