हादसे ने पैर छीने तो जज्बे के दम पर शोहरत के शिखर पर पहुंचे गीतकार मुकेश जाजी

मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। जी हां सफलता किसी के हाथ और पैरों की मोहताज नहीं होती बल्कि उसे पाने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए। हरियाणवी गीतकार मुकेश जाजी ने चल-फिर न सकने पर अपने जज्बे जुनून और हौसलों से सफलता की एक नई कहानी लिख डाली।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 06:23 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 06:23 PM (IST)
हादसे ने पैर छीने तो जज्बे के दम पर शोहरत के शिखर पर पहुंचे गीतकार मुकेश जाजी
हादसे ने पैर छीने तो जज्बे के दम पर शोहरत के शिखर पर पहुंचे गीतकार मुकेश जाजी

दीपक गिजवाल, सोनीपत

मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। जी हां, सफलता किसी के हाथ और पैरों की मोहताज नहीं होती, बल्कि उसे पाने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए। हरियाणवी गीतकार मुकेश जाजी ने चल-फिर न सकने पर अपने जज्बे, जुनून और हौसलों से सफलता की एक नई कहानी लिख डाली। कई सुपरहिट गाने लिख चुके मुकेश का गाना 52 गज का दामण हर जगह धूम मचा रहा है।

सोनीपत के गांव जाजी के रहने वाले मुकेश जाजी 17 मई 2008 को कालेज से घर लौटते वक्त सड़क हादसे का शिकार हो गए। हादसे में मुकेश की रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई, जिसके कारण उनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया। स्वजन विदेशों तक इलाज के लिए लेकर गए, लेकिन वे ठीक नहीं हो सके। चिकित्सकों ने बताया कि मुकेश को अब ऐसे ही जीना होगा। पैर तो रहेंगे, लेकिन वे कभी चल नहीं पाएंगे। मुकेश तब से व्हीलचेयर पर ही हैं। खुद के लिए निकाल ली नई राह

दिल्ली के एक अस्पताल में दो साल तक बिस्तर पर रहने के दौरान मुकेश शायरी लिखने लगे। दोस्तों को सुनाई तो दोस्तों ने हौसला बढ़ाया। शायरी गानों में तब्दील होने लगी। फिर एक दिन ऐसा भी आया कि हरियाणवी संगीत जगत का सबसे ज्यादा सफल गाना 52 गज का दामण लिख डाला। यह गाना विदेशों में भी खूब बज रहा है। गाने को अब तक 423 मिलियन व्यूज और 2.8 मिलियन लाइक मिल चुके हैं। मुकेश को कई अवार्ड शो में बेस्ट गीतकार के अवार्ड भी मिल चुके हैं। अपने गांव को ही बना दिया म्यूजिक इंडस्ट्री का हब

मुकेश ने अपने भतीजे अमन जाजी व अजय धनखड़ के साथ मिलकर खुद का स्टूडियो बना लिया। मुकेश ने करीब डेढ़ करोड़ की लागत से अपने खेत में ही स्टूडियो बनाया है। अब यहीं पर हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्रीज के बड़े-बड़े स्टार अपने गाने रिकार्ड करने आते हैं। ऐसे में गांव को हरियाणा में खूब पहचान भी मिल रही है। वहीं, मुकेश के भतीजे अमन जाजी भी म्यूजिक डायरेक्टर के तौर पर स्थापित हो चुके हैं। करीब 130 गाने लिख चुके, बालीवुड से भी आफर

स्कूल का प्यार गाने से शुरुआत करने वाले मुकेश अब तक करीब 130 गाने लिख चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा सुर्खी 52 गज का दामण, गजबन, तागड़ी, रमझौल, टूम, इंतकाम, क्लासमेट जैसे गानों ने बटोरी है। उनके गाने बालीवुड और पंजाबी गानों को टक्कर दे रहे हैं। उनको बालीवुड से भी खूब आफर आ रहे हैं, हालांकि मुकेश का कहना है कि वो हरियाणवी बोली और संस्कृति के लिए ही काम करना चाहते हैं। कभी मौका मिला तो हरियाणवी में ही बालीवुड एक्टर अक्षय कुमार के लिए गाना लिखना चाहेंगे।

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