नववर्ष में टीबी के हर मरीज तक पहुंचेंगे स्वास्थ्यकर्मी
स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन ने जिले में टीबी को जड़ से खत्म करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके अंतर्गत नववर्ष में स्वास्थ्यकर्मी न केवल हर मरीज तक पहुंचेंगे बल्कि एप के माध्यम से भी उनकी निगरानी करेंगे।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन ने जिले में टीबी को जड़ से खत्म करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके अंतर्गत नववर्ष में स्वास्थ्यकर्मी न केवल हर मरीज तक पहुंचेंगे, बल्कि एप के माध्यम से भी उनकी निगरानी करेंगे। इसके लिए चिकित्सा अधिकारियों ने खाका तैयार कर लिया है। इस कार्य को पूरा करने के लिए आशा वर्कर से लेकर पीएचसी और सीएचसी पर नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रेनिग दी जाएगी।
जिले में हर वर्ष करीब ढाई हजार मरीज टीबी की बीमारी से ग्रस्त मिलते हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों को बेहतर इलाज और खुराक के लिए हर महीने 500 रुपये दिए जाते हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने टीबी की बीमारी को वर्ष 2025 तक जड़ से खत्म करने का निर्णय लिया है। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिला स्वास्थ्य प्रशासन ने अपनी रणनीति बना ली है। पहले भी प्रशासन की ओर से बेहतर कार्य किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय द्वारा स्थानीय प्रशासन को वर्ष 2019 में 4500 टीबी मरीजों का पंजीकरण निक्षय पोर्टल पर करने का लक्ष्य दिया गया था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने 96 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा कर लिया था। वर्ष 2020 में विभाग ने 5150 मरीजों का पंजीकरण निक्षय पोर्टल पर करने का लक्ष्य दिया था, लेकिन कोरोना के चलते करीब तीन महीने रहे लाकडाउन के कारण स्वास्थ्य विभाग 60 प्रतिशत ही लक्ष्य को पूरा कर पाया। इस वर्ष स्थानीय प्रशासन ने शुरुआत से ही टीबी को खत्म करने के लिए बेहतर प्रयास करने का निर्णय लिया है।
मुख्यालय की ओर से हर वर्ष टीबी के संक्रमित मरीजों की पहचान कर उनका निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण करने का लक्ष्य दिया जाता है। इसका उद्देश्य टीबी के मरीजों को चिह्नित कर उनका इलाज करना है, जो संभव भी है। इसी उद्देश्य से नववर्ष में लक्ष्य को पूरा करने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए निजी अस्पतालों पर विशेष फोकस रहेगा, क्योंकि अब निजी अस्पतालों को भी टीबी की रिपोर्ट नागरिक अस्पताल में जमा करानी होगी।
- डा. योगेश गोयल, जिला टीबी नोडल अधिकारी एवं उप सिविल सर्जन, सोनीपत।