Haryana Kisan Andolan: यूपी बॉर्डर की तरह कुंडली बॉर्डर का एक रास्ता खोलने की मांग, आज होगी ग्रामीणों की महापंचायत

Haryana Kisan Agitation सिंघु बॉर्डर पर एक रोड खाली कराने को लेकर रविवार को महापंचायत आयोजित की गई है। वहीं महापंचायत में किसी तरह के टकराव को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट पर है। उधर ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 01:09 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 07:05 AM (IST)
Haryana Kisan Andolan: यूपी बॉर्डर की तरह कुंडली बॉर्डर का एक रास्ता खोलने की मांग, आज होगी ग्रामीणों की महापंचायत
यूपी बॉर्डर की तरह कुंडली बॉर्डर का एक रास्ता खोलने की मांग, रविवार को होगी ग्रामीणों की महापंचायत

नई दिल्ली/सोनीपत [संजय सलिल]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा और यूपी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले साढ़े छह महीने से भी अधिक समय से जारी है। इस बीच दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसानों की ज्यादती से स्थानीय ग्रामीण तंग आ चुके हैं। सिंघु बॉर्डर पर एक रोड खाली कराने को लेकर रविवार को महापंचायत आयोजित की गई है। वहीं, महापंचायत में किसी तरह के टकराव को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट पर है। उधर, ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। 

मिली जानकारी के मुताबिक, सोनीपत में सेरसा के ग्रामीण और राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के सदस्य गांव-गांव में महापंचायत के मद्देनजर बैठकें कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि महापंचायत के लिए विभिन्न गांवों के लोगों का समर्थन भी ग्रामीणों को मिल रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि स्थानीय लोगों की समस्या को देखते हुए जीटी रोड के एक तरफ का रास्ता खोलें। बता दें कि रास्ता खोलने को लेकर जांटी कलां में रविवार को महापंचायत बुलाई गई है।

गौरतलब है कि किसान आंदोलन के चलते कुंडली बॉर्डर (सिंघु बॉर्डर) पर बंद रास्ते को खुलवाने की मांग के लिए रविवार प्रस्तावित महापंचायत में भीड़ जुटाने के लिए गांवों में लगातार बैठकें चल रही हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को नांगल कलां में बैठक कर समर्थन की मांग की गई।

ग्रामीणों का कहना है कि बॉर्डर बंद होने के चलते लोग कई महीने से परेशान हैं। इसके लिए हरियाणा के साथ ही दिल्ली के गांवों से लोगों का भी समर्थन मिल रहा है।  महापंचायत कर मांगों को पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा। 

किसानों ने रुकवाया ग्रीन फील्ड हाईवे का काम

उधर, गोहाना के गांव बिचपड़ी के किसानों ने शुक्रवार को अपने गांव में सोनीपत-जींद ग्रीन फील्ड हाईवे का काम रुकवा दिया। किसानों ने हाईवे पर धरना शुरू कर दिया है। किसान खेतों के पक्के रास्ते को बंद करने से नाराज हैं। किसानों ने खेतों में जाने के लिए हाईवे पर अंडरपास बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक अंडरपास नहीं बनाया जाएगा तब तक उनका धरना जारी रहेगा। किसानों ने उपायुक्त और एनएएचआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को मांगपत्र भेजे।

नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) द्वारा सोनीपत से जींद तक ग्रीन फील्ड हाईवे तैयार करवाया जा रहा है। सोनीपत से गोहाना तक पहले से बने रोड को फोरलेन बनाया जा रहा है। गोहाना से जींद तक पहले से बने रोड के समानांतर नया रोड बनाया जा रहा है। यह हाईवे गांव बिचपड़ी के खेतों से गुजरता है। गांव बिचपड़ी के किसानों का कहना है कि हाईवे के दूसरी तरफ उनकी करीब 200 एकड़ जमीन है। खेतों की तरफ पक्का रास्ता जाता है। एनएचएआइ ने हाईवे के निर्माण के दौरान रास्ता बंद कर दिया है। यह रास्ता पिलर नंबर 35 प्लस 485 के पास है। किसान रामकुमार शर्मा, बिजेंद्र, रामपाल, दिलबाग, राममेहर आदि ने कहा कि हाईवे द्वारा रास्ता नहीं छोड़े जाने से उन्हें खेतों में जाने को परेशानी होगी। किसानों को लंबा चक्कर लगा कर खेतों में पहुंचना पड़ेगा। निर्माणाधीन ग्रीन फील्ड हाईवे से कुछ दूरी से गोहाना-जींद रेलवे लाइन गुजरी है। रेलवे द्वारा उसी रास्ते पर अंडरपास छोड़ा हुआ है।

2022 तक हाईवे का पूरा करवाने का है लक्ष्य

सोनीपत-जींद ग्रीनफील्ड हाईवे का काम 2018 में शुरू हुआ था। एनएएचआइ का इस प्रोजेक्ट को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। प्रोजेक्ट पर करीब 17 सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह हाईवे तैयार होने के बाद जींद से सोनीपत के बीच करीब 78 किलोमीटर का सफर एक घंटे में तय हो सकेगा।

किसानों द्वारा हाईवे का काम बंद करवाने की सूचना मिलने पर तहसीलदार को मौके पर भेजा गया था। किसानों से बातचीत की जा रही है। जल्द किसानों को समझाया जाएगा और संबंधित एजेंसी के अधिकारियों से भी बातचीत की जाएगी। -प्रदीप कुमार, एसडीएम, गोहाना

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