Exclusive: प्रदीप सिंह की पहली पसंद है हरियाणा, पढ़ें किसान का बेटा कैसे बन गया UPSC टॉपर

UPSC Exam Result 2019 Topper Pradeep Singh Interview यूपीएससी की परीक्षा में सोनीपत के प्रदीप सिंह ने सफलता हासिल की है। उन्हें ऑल इंडिया पहली रैंक मिली है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 05:01 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 05:59 PM (IST)
Exclusive: प्रदीप सिंह की पहली पसंद है हरियाणा, पढ़ें किसान का बेटा कैसे बन गया UPSC टॉपर
Exclusive: प्रदीप सिंह की पहली पसंद है हरियाणा, पढ़ें किसान का बेटा कैसे बन गया UPSC टॉपर

सोनीपत [संजय निधि]। UPSC Exam Result 2019 Topper Pradeep Singh Interview:  संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सर्विस परीक्षा में जिले के गांव तेवड़ी निवासी प्रदीप सिंह देशभर में अव्वल रहे। किसान परिवार से संबंध रखने वाले प्रदीप का यह चौथा प्रयास था। पहले दो बार वे पीटी भी क्लियर नहीं कर पाये थे, जबकि पिछले वर्ष उनका रैंक 260वां था। प्रदीप की पहली पसंद हरियाणा है और वे अपने ही प्रदेश में रहकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं। वे फिलहाल ओमेक्स सिटी के बी ब्लॉक में रहते हैं।

दोस्त फोन पर दी जानकारी

प्रदीप ने बताया कि सिविल सर्विस का रिजल्ट आने और टॉप करने की जानकारी एक दोस्त ने फोन पर दी, लेकिन यकीन नहीं हुआ कि उसने टॉप किया है। तुरंत स्वयं रिजल्ट चेक किया तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने सबसे पहले इसकी जानकारी फोन करके अपने पिता सुखबीर सिंह को दी। पिता इन दिनों में गांव गए हुए थे। हालांकि उन्होंने पिता को अपनी रैंक नहीं बताई। रैंक की जानकारी तो उन्हें घर आने के बाद हुई।

साप्ताहिक सिलेबस तैयार कर की पढ़ाई

बातचीत के क्रम में प्रदीप ने बताया कि वे इनकम टैक्स में इंस्पेक्टर थे। 10वीं या 12वीं के दौरान कभी भी इस दिशा में नहीं सोचा था। वर्ष 2015 में नौकरी के दौरान दोस्तों और पिता ने आगे की तैयारी के लिए प्रेरित किया। नौकरी के साथ तैयारी करना काफी कठिन था, लेकिन उन्होंने इसके लिए टाइम मैनेजमेंट की। दिल्ली इनकम टैक्स ऑफिस में डेस्क पर नौकरी थी। सुबह 9 से 6 बजे तक की नौकरी के बीच भी डेस्क का काम जल्दी निपटाकर बचे हुए समय में यहां भी पढ़ाई कर लेता। लंच के समय जल्दी लंच कर कुछ देर पढ़ाई कर लिया करता था।

उन्होंने कहा कि एक दिन में घंटे न गिनकर पूरे सप्ताह के लिए एक सिलेबस तय कर उसके अनुसार पढ़ाई किया करता था। यदि किसी दिन किसी भी कारणवश कम देर पढ़ाई कर पाया तो अगले दिन उसकी भरपाई किया करता। सप्ताह में तय सिलेबस को हर हाल में उसी सप्ताह समाप्त करता और यही सफलता की वजह भी रही है।

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