बिहार के किशनगंज में पहचान बदलकर रह रहा था 25 हजार का ईनामी धर्मेंद्र, एसटीएफ की टीम के हत्थे चढ़ा

एसटीएफ प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि उनकी टीम को जानकारी मिली थी कि कुख्यात धर्मेंद्र उर्फ शास्त्री को किसी वारदात को अंजाम देने के लिए पलवल में आना है। जिस पर पुलिस ने नाकाबंदी कर उसे दबोच लिया।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:12 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:12 PM (IST)
बिहार के किशनगंज  में पहचान बदलकर रह रहा था 25 हजार का ईनामी धर्मेंद्र, एसटीएफ की टीम के हत्थे चढ़ा
एसटीएफ ने कुख्यात धर्मेंद्र को पलवल से गिरफ्तार किया है

सोनीपत, जागरण संवाददाता। एक्वालाइट जूता कंपनी के मालिक से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोपित व 16 मामलों में नामजद धर्मेद्र को एसटीएफ को गिरफ्तार कर लिया है। वह हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था। उसी दौरान पैरौल पर आकर फरार हो गया था। वह बिहार में मुस्लिम बनकर रहने लगा और वहीं पर मुस्लिम महिला से निकाह कर लिया था। वह 20 साल की आयु से अपराध की दुनिया में सक्रिय था और करीब एक दर्जन आपराधिक वारदातों को अंजाम दे चुका है।

एसटीएफ ने उसको पलवल से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश देशवाल ने बताया कि उनकी टीम को जानकारी मिली थी कि कुख्यात धर्मेंद्र उर्फ शास्त्री को किसी वारदात को अंजाम देने के लिए पलवल में आना है। जिस पर पुलिस ने नाकाबंदी कर उसे दबोच लिया। आरोपित को चार फरवरी, 2003 में रोहतक के सांपला थाना क्षेत्र में हुई हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। जिसमें वह जुलाई, 2015 में भोंडसी जेल से पैरोल लेकर फरार हो गया था। उसके खिलाफ रोहतक में 29 जुलाई, 2015 को पैरोल जंपर होने का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें आरोपित की गिरफ्तारी पर रोहतक पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम रखा था। आरोपित हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में वारदात को अंजाम देकर बिहार में जाकर छिप जाता था। उसको अदालत में पेश किया जाएगा।

बिहार में बदल ली पहचान व धर्म, मुस्लिम युवती से किया निकाह: एसटीएफ प्रभारी ने बताया कि आरोपित धर्मेंद्र वारदात करके बिहार भाग जाता था। वह बिहार के किशनगंज स्थित दामलबाड़ी में नाम व पहचान बदलकर छिपता था। उसने वहां अपना नाम सुलतान खान रख लिया था। इतना ही नहीं दामलबाड़ी में उसने वर्ष 2015 में ही अंसारी बेगम उर्फ निशा से निकाह कर लिया था। वह दूसरे प्रदेशों में वारदात को अंजाम देने के बाद बिहार भाग जाता था।

पांच करोड़ की रंगदारी मांग चुका है आरोपित: आरोपित धर्मेंद्र उर्फ शास्त्री पर वर्ष 2017 में बहादुरगढ़ में एक्वालाइट जूता कंपनी के मालिक से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में एक पुलिस कर्मी का नाम भी आया था। जिसने बाद में आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में धर्मेंद्र की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी।

सोनीपत एलआइसी दफ्तर में कर चुका है लूट: आरोपित धर्मेंद्र पर वर्ष 2003 में सोनीपत में एलआइसी दफ्तर में अपने साथियों संग मिलकर करीब साढ़े 19 लाख रुपये की लूट का आरोप है। उस मामले में पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया था। वह जमानत पर आया हुआ था।

180 किलो गांजे सहित हुआ था गिरफ्तार:

एसटीएफ के अनुसार आरोपित धर्मेंद्र को मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में फरारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था। वहां उससे 180 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया था। वहां आरोपित ने अपना फर्जी पहचान पत्र सुलतान खान के नाम से दिया था। जिससे वह वहां पकड़ में नहीं आ सका था। वहां उसे जमानत मिल गई थी।

इन मामलों में भी रहा है नामजद वर्ष 1999 में गुरुग्राम के फरुखनगर में लूट का मुकदमा दर्ज हुआ। वर्ष 2002 में बहादुरगढ़ में अवैध शस्त्र का मुकदमा दर्ज हुआ। वर्ष 2003 में सांपला में हत्या, खुर्द-बुर्द करने व षड्यंत्र का मुकदमा दर्ज हुआ। वर्ष 2003 में दिल्ली के सुलतानपुरी थाने में जानलेवा हमला करने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2002 में सिविल लाइन रोहतक में चोरी का मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोपित धर्मेंद्र मादक पदार्थ की सप्लाई का काम करता था। इस मामले में वह अक्सर हरियाणा आता रहता था। पिछले दिनों मादक पदार्थ में पकड़े गए बदमाशों ने उसके बारे में जानकारी दी थी। तभी से एसटीएफ सक्रिय हो गई थी। वह दीपावली से वहले मादक पदार्थ की गई खेप लेकर आने वाला था। पुलिस ने उसको पहली बार में ही दबोच लिया। इंस्पेक्टर सतीश देशवाल, एसटीएफ प्रभारी - सोनीपत।

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