Kisan Andolan: किसान आंदोलनकारियों पर गंभीर आरोप, ग्रामीणों ने कहा 'इनकी वजह से बहू-बेटियों का घरों से निकलना मुश्किल'

Kisan Andolan Kisan Andolan सेरसा के ग्रामीण पर जानलेवा हमला करने को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार को पंचायत की जिसमें दर्जनभर गांव के लोग शामिल हुए। लोगों का कहना है कि आंदोलनकारियों की ज्यादती की वजह से गांव की बहू-बेटियों का घर से निकला मुश्किल हो गया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 08:22 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 08:22 AM (IST)
Kisan Andolan: किसान आंदोलनकारियों पर गंभीर आरोप, ग्रामीणों ने कहा 'इनकी वजह से बहू-बेटियों का घरों से निकलना मुश्किल'
Kisan Andolan: किसान आंदोलनकारियों पर गंभीर आरोप, ग्रामीणों ने कहा 'इनकी वजह से बहू-बेटियों का घरों से निकलना मुश्किल'

नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। दिल्ली-हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोधी में धरना देकर बैठे आंदोलनकारियों के हिंसक व्यवहार को लेकर सोमवार को सेरसा गांव में आसपास के दर्जनभर गांव के लोगों की पंचायत हुई। कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बॉर्डर पर सात माह से आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारी जीटी रोड और आसपास के गांवों को जाने वाले रास्ते को बंद करके बैठे हैं। इसके कारण आसपास के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इसका विरोध करने पर आंदोलनकारी हिंसा पर उतारू हो गए हैं। दो दिन पूर्व ही सेरसा के ग्रामीण पर जानलेवा हमला करने को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार को पंचायत की, जिसमें आसपास के दर्जनभर गांव के लोग शामिल हुए। लोगों का कहना है कि किसान आंदोलनकारियों की ज्यादती की वजह से गांव की बहू-बेटियों का घर से निकला मुश्किल हो गया है।

रोड खुलवाने को मुख्यमंत्री से मिलेंगे ग्रामीण
पंचायत में निर्णय लिया गया कि 20 जून को होने वाली महापंचायत के अलावा रोड खुलवाने की मांग को लेकर जल्द ही ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा। सेरसा गांव के रामनिवास पर शनिवार को अपने घर जाने के दौरान बैरिकेड्स के बगल से गाड़ी निकालने को लेकर आंदोलनकारियों ने जानलेवा हमला कर दिया था। उन्होंने करीब 200 मीटर दूर अपने जानकार के दुकान में छिपकर अपनी जान बचाई थी। ग्रामीणों पर हमले का यह पहला मामला नहीं था। इससे पहले भी आंदोलन में शामिल लोगों ने ग्रामीणों तलवार से हमला किया था। आंदोलनकारियों की मनमानी और जीटी रोड के साथ ही आसपास के गांवों में जाने वाले रास्ते को बंद करने से परेशानी झेल रहे सेरसा, जाटी, छोटी जाटी, दहिसरा, मनौली, खूर्मपुर, कुंडली, नाथूपुर, सबौली, जाखौली, राई, लिवासपुर के अलाव टीडीआइ के विभिन्न अपार्टमेंट्स में रहने वालों ने सेरसा में पंचायत की।

जल्द रोड खाली कराने का निर्णय लिया जाएगा
पंचायत में टीडीआइ निवासी रामफल सरोहा ने बताया कि आंदोलनकारियों द्वारा जीटी रोड बंद करने के कारण क्षेत्र के उद्योग-धंधे चौपट हो चुके हैं। उद्योगपति पलायन कर रहे हैं। दिल्ली में कोचिंग करने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। यहां तक की इनके बीच हमारी बहन-बेटियां भी सुरक्षित नहीं है। 20 जून की महापंचायत में इन सब बातों को ध्यान में रखकर जल्द से जल्द रोड खाली कराने का निर्णय लिया जाएगा।

राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल ने बताया कि आंदोलन के कारण रोड बंद होने से क्षेत्र को बहुत बड़ा नुकसान हो चुका है। इसलिए जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल रोड को खुलवाने को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात करेगा।

गांवों से बहन-बेटियों का निकलना मुश्किल

भैरा बांकीपुर गांव के ब्लाक समिति सदस्य सतीश कुमार ने कहा कि आंदोलनकारी मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया गया कि गांवों के संपर्क मार्ग तक बंद करके उनको कैद कर दिया है और नशा कर रातभर ट्रैक्टरों को गांवों में दौड़ाया जाता है। इस तरह की हरकतों का विरोध करने पर मारपीट तक की जाती है। साथ लोगों को किसी भी काम से बाहर निकलना भी इन लोगों ने दुभर कर दिया है। जब चाहे जिसका हाथ काट देते हैं। किसी लड़की को अगवा कर लिया जाता है। गांवों से बहन-बेटियों का निकलना मुश्किल हो गया है।

उन्होंने कहा कि ये किसान नहीं हो सकते। उन्होने कहा कि अगर अब किसी भी स्थानीय लोगों के साथ इन आंदोलनकारियों ने मारपीट की तो इसका जवाब उन्हीं के भाषा में दिया जाएगा। पंचायत में जयराम शर्मा, दीपक चौहान अटेरना, चरण सिंह चौहान, दहिसरा सरपंच मांगेराम, सेरसा सरपंच मोनू, ताहर सिंह चौहान, प्रवीण चौहान मनौली, पवन, दीपक, नीरज, राजेश मलिक, संदीप, राकेश, विनोद, पंकज, अभिषेक, सुनील, राजेश, नरेंद्र खत्री सहित सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे।

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