पढ़िये- कैसे पंजाब के अमृतसर से जुड़ रहे कुंडली बार्डर पर लखबीर सिंह की हत्या के तार

Singhu Border Murder Case सोनीपत पुलिस को मिल रही जानकारी के अनुसार युवक की हत्या में आरोपित निहंगों ने अमृतसर (पंजाब) में किसी से बातचीत की थी। उसके बाद ही जघन्य तरीके से लखबीर सिंह की हत्या की गई।

By Jp YadavEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:32 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:43 AM (IST)
पढ़िये- कैसे पंजाब के अमृतसर से जुड़ रहे कुंडली बार्डर पर लखबीर सिंह की हत्या के तार
पढ़िये- कैसे पंजाब के अमृतसर से जुड़ रहे कुंडली बार्डर पर लखबीर सिंह की हत्या के तार

नई दिल्ली [डीपी आर्य]। सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर दलित युवक लखबीर की नृशंस तरीके से हत्या करने के मामले में अमृतसर से भी कई लोग आरोपित बनाए जा सकते हैं। सोनीपत पुलिस को मिल रही जानकारी के अनुसार, आरोपित निहंगों ने अमृतसर (पंजाब) में किसी से बातचीत की थी। उसके बाद ही जघन्य तरीके से लखबीर सिंह की हत्या की गई। पुलिस अब घटना की रात मौके पर सक्रिय मोबाइल फोन की डिटेल्स निकालने की तैयारी कर रही है। आत्मसमर्पण करने वाले आरोपितों के मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए गए हैं, जिन्हें विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा।

निहंगों ने पुलिस को बताया है, ‘धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी करने पर लखबीर को सजा दी थी। वह पापी था, उसे तड़पा-तड़पाकर ही मारा जाना चाहिए था। हमें पुलिस और कानून व्यवस्था पर भरोसा नहीं है’। सोची-समझी साजिश के तहत ही शुक्रवार को घटना वाले दिन निहंग सरबजीत सिंह ने आत्मसमर्पण किया था। उसने पुलिस को बताया था कि हत्या करने में आठ लोग शामिल थे, जिनमें वह चार लोगों का नाम नहीं जानता है।

शनिवार को आत्मसमर्पण करने वाले तीन अन्य निहंगों में शामिल नारायण सिंह ने बताया कि उन चारों ने ही लखबीर को मारा था। अलग-अलग बयानों के बीच पुलिस का मानना है कि कुछ लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। वह बड़े और नामचीन लोग हो सकते हैं। पुलिस को सबसे ज्यादा शक निहंगों द्वारा दी गई चेतावनी से हुआ है।

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दलित युवक के हाथ काटने से पहले अमृतसर में संपर्क किए जाने की मिल रही जानकारी घटनास्थल पर मौजूद निहंगों के मोबाइल फोन की जांच कराने की तैयारी में पुलिस आत्मसमर्पण करने वाले निहंगों के मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए, भेजे जाएंगे प्रयोगशाला

जांच के लिए दो एसआइटी का किया गया गठन

एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने हत्याकांड की जांच के लिए दो विशेष जांच टीम (एसआइटी) का गठन किया है। एसआइटी-1 का नेतृत्व डीएसपी कानून-व्यवस्था वीरेंद्र सिंह करेंगे। वह हत्याकांड के साक्ष्य जुटाने, आरोपितों को गिरफ्तार कराने, बेअदबी के आरोपों की जांच करने, साजिशकर्ताओं का पता लगाने और कोर्ट में पैरवी को देखेंगे। वहीं, एसआइटी-2 का प्रभारी एएसपी खरखौदा मनीष गुप्ता को बनाया गया है। वह वायरल वीडियो व फोटो की जांच करने, वीडियो बनाने व वायरल करने वाले मोबाइल फोन बरामद बरामद करने, हत्यारोपितों की काल डिटेल्स पता कराने और सीसीटीवी की फुटेज जुटाकर साक्ष्य एकत्र कराने का काम देखेंगे।

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वीरेंद्र सिंह (डीएसपी कानून-व्यवस्था व जांच अधिकारी) का कहना है कि आत्मसमर्पण करने वाले चारों आरोपितों के मोबाइल फोन को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। काल डिटेल्स और पूछताछ के आधार पर जिसका भी नाम सामने आएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

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