Farmers Protest: किसान आंदोलन को तेज करने की बनी रणनीति, 26 जून को देशभर में प्रदर्शन करेगा संयुक्त मोर्चा

मोर्चा के नेता इंद्रजीत सिंह मंजीत सिंह राय सुमन हुड्डा परमिंदर मलिक रवि आजाद आदि ने बताया कि 26 जून को ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। आज भी मोदी सरकार ने भी देश में अघोषित इमरजेंसी लगा रखी है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 08:27 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 09:52 PM (IST)
Farmers Protest: किसान आंदोलन को तेज करने की बनी रणनीति, 26 जून को देशभर में प्रदर्शन करेगा संयुक्त मोर्चा
26 जून को देशभर के राजभवनों पर प्रदर्शन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा ।

सोनीपत [संजय निधि]। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के विभिन्न बार्डरों पर चल रहे आंदोलन को 26 जून को सात माह पूरे हो जाएंगे। इसे देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने इन दिन खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन देशभर के सभी राजभवनों पर प्रदर्शन कर नये कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। मोर्चा के नेताओं ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए यह जानकारी दी।

आंदोलन के पक्ष में बोलने वालों के बंद हो रहे ट्विटर हैंडल

पत्रकारों से बाचतीत करते हुए मोर्चा के नेता इंद्रजीत सिंह, मंजीत सिंह राय, सुमन हुड्डा, परमिंदर मलिक, रवि आजाद आदि ने बताया कि 26 जून को ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। आज भी मोदी सरकार ने भी देश में अघोषित इमरजेंसी लगा रखी है। यहां बोलने की आजादी का भी हनन हो रहा है। आंदोलन के पक्ष में बोलने वालों के ट्विटर हैंडल बंद करवाए जा रहे हैं। उन्होंने ट्रैक्टर टू ट्वीटर और जैजी बैंस के ट्वीटर हैंडल पर कार्रवाई का विरोध जताया।

बलिदान दिवस एवं कबीर जयंती से तेज होगा आंदोलन

इसके अलावा 14 जून को गुरु अर्जुन देवजी का बलिदान दिवस और 24 जून को संत कबीर जयंती भी सभी मोर्चों पर मनाया जाएगा। कबीर जयंती के दिन संयुक्त मोर्चा का मंच महिलाओं, दलितों और मजदूरों को समर्पित रहेगा। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि आंदोलन स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शनिवार तक समिति गठित कर दी जाएगी और इसके नाम और मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक कर दिए जाएंगे।

भाजपा एवं जजपा नेताओं का होगा विरोध

पिछले दिनों भाजपा व जजपा नेताओं के निजी कार्यक्रमों का विरोध नहीं करने के अपने निर्णय को वापस लेते हुए मोर्चा के नेताओं ने कहा कि अब हरियाणा के किसी भी गांव में भाजपा-जजपा नेताओं का किसी भी समारोह या कार्यक्रम में शामिल होने का विरोध किया जाएगा। यहां तक कि उनके अपने गांव को छोड़कर अन्य दूसरे गांव में प्रवेश करने पर भी विरोध किया जाएगा। शहरों में किसी भी राजनीतिक या सरकारी कार्यक्रमों में सत्ताधारी दल के नेताओं का विरोध किया जाएगा।

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