ऑनर किलिंग के दोषी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, दलित से शादी करने पर बहन के परिवार को मार डाला था

झूठी शान के लिए सामूहिक हत्या करने के एक दोषी काे एडीशनल सेशन जज राजेंद्रपाल गोयल ने फांसी की सजा सुनाई है। वहीं लड़की के भाई को दोषी करार दे दिया है। उसको भगोड़ा हो जाने के कारण सजा नहीं सुनाई जा सकी।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 04:17 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 04:19 PM (IST)
ऑनर किलिंग के दोषी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, दलित से शादी करने पर बहन के परिवार को मार डाला था
झूठी शान के लिए हत्या करने के आरोपित को फांसी की सजा

सोनीपत [डीपी आर्य]। झूठी शान के लिए सामूहिक हत्या करने के एक दोषी काे एडीशनल सेशन जज राजेंद्रपाल गोयल ने फांसी की सजा सुनाई है। वहीं लड़की के भाई को दोषी करार दे दिया है। उसको भगोड़ा हो जाने के कारण सजा नहीं सुनाई जा सकी। न्यायाधीश ने इस मामले को दुर्लभतम करार देते हुए कड़ी टिप्पणी की है। वहीं समाज में जातिगत वैमस्य बढ़ाने वाली बताया है। फांसी की सजा पाने वाले हरीश को जेल भेज दिया गया है।

वहीं फरार दोषी सतेंद्र उर्फ मोनू को सजा उसकी गिरफ्तारी के बाद सुनाई जाएगी। इस हादसे में घटना की रात घर पर मौजूद सभी पांच लोगों को गोली मारी गईं थी। इनमें से तीन की मौत हो गई थी और दो बच गए थे।

यह थी घटना

सूरज धानक ने पुलिस को बताया था कि वह खरखौदा का रहने वाला है। उसके बड़े भाई प्रदीप ने झज्जर के बिरधाना की रहने वाली सुशीला से तीन साल पहले प्रेम विवाह किया था। वह 18 नवंबर 2016 की रात को परिवार के साथ घर पर सोए हुए थे। रात में करीब दस बजे कार में सवार होकर दो युवक घर पर आए। उन्होंने घर में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। गोली लगने से उसके भाई प्रदीप व मां सुशीला की मौके पर ही मौत हो गई थी। गोली लगने से सूरज, उसका पिता सुरेश और आरोपितों की बहन सुशीला गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अस्पताल में उपचार के दौरान सुरेश ने भी दम तोड़ दिया था।

गर्भवती थी सुशीला

सुशीला गर्भवती थी। गोली लगने से घायल होने पर उसको पीजीआइ में भर्ती कराया गया था। वहीं पर रात को उसने बेटे को जन्म दिया था। सुशीला सर्वण जाति से थी, जबकि उसने धानक जाति के प्रदीप से प्रेम विवाह किया था। स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से सुशीला को उसकी बड़ी बहन व रिश्तेदार अपने साथ ले गए थे। प्रदीप के परिवार में उसका भाई सूरज और एक बहन ही बची थी।

शातिराना अंदाज में रची थी साजिश

पुलिस जांच में सामने आया कि सुशीला के प्रेम विवाह करने से उसके स्वजन व जाति के लोग नाराज थे। वह दो साल तक सुशीला और उसके प्रेमी प्रदीप की जान के पीछे पड़े रहे। उसके बाद आरोपितों ने सामाजिक लोगों को बीच में डालकर समझौता कराने का ड्रामा किया। उसके बाद से वह प्रदीप के घर पर आने-जाने लगे। इसी दौरान मौका पाकर पूरे परिवार की हत्या की साजिश रची और सभी को गोलियां मार दी।

सजा से बचकर भागा दोषी

घटना के आरोपित सतेंद्र उर्फ मोनू सुशीला का भाई व हरीश उसका दोस्त हैं। इनको सुनवाई के दौरान सजा मिलने का अंदेशा हो गया था। अदालत इनको जुलाई में सजा सुनाने वाली थी। सजा सुनाई जाने वाली तारीख को ही लड़की का भाई सतेंद्र उर्फ मोनू भगौड़ा हो गया था। वह जमानत पर था, उसके बाद से वह पकड़ में नहीं आ सका है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। न्यायालय ने सोमवार को आरोपित सतेंद्र उर्फ मोनू और हरीश को दोषी करार दे दिया था। मंगलवार को दोषी हरीश को हत्या करने, जानलेवा हमला करने और एससी-एसटी एक्ट में फांसी की सजा सुनाई गई।

मामला बनेगा नजीर

सरकारी अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने बताया कि झूठी शान के लिए हत्या करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। एक साल में ही ऐसे तीन मामले सामने आ चुके हैं। ज्यादातर मामलों में आरोपितों को सजा नहीं हो पाती है। ऐसे दोषी को फांसी की सजा दिए जाने के दूरगामी परिणाम होंगे। यह मामला नजीर बनेगा। इससे ऐसे मामलों पर रोक लगने की उम्मीद जगेगी।

chat bot
आपका साथी