किसान नेताओं और हरियाणा सरकार के अफसरों के बीच अहम बैठक आज, कोरोना का टीका लगवाने पर होगी बात

Kisan Agitation Delhi-NCR तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल किसानों की ओर से कोरोना टेस्ट न करवाने और न ही वैक्सीन लगवाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन की अपील के बावजूद किसान इसके लिए तैयार नहीं हैं।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 11:05 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 11:05 AM (IST)
किसान नेताओं और हरियाणा सरकार के अफसरों के बीच अहम बैठक आज, कोरोना का टीका लगवाने पर होगी बात
स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक बार फिर बुधवार से आंदोलन स्थल पर कैंप लगाया गया है।

नई दिल्ली/सोनीपत [बिजेंद्र बंसल]। दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर बैठे किसानों का कोरोना टेस्ट कराने के साथ उन्होंने वैक्सीन लगाने के लिए किसान नेताओं के साथ बृहस्पतिवार शाम 4 बजे अहम बैठक होनी है। सोनीपत के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में किसान नेताओं और हरियाणा के सरकारी अधिकारियों के प्रस्तावित इस बैठक में कोरोना का टेस्ट और टीका दोनों पर सहमति बनने के आसार हैं। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैयार हैं। किसान नेताओं की सहमति मिलते ही स्वास्थ्य विभाग अपना काम शुरू कर देगा।

 आंदोलनकारियों ने नहीं लगवा रहे कोरोना से बचाव का टीका

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल किसानों की ओर से कोरोना टेस्ट न करवाने और न ही वैक्सीन लगवाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन की अपील के बावजूद किसान इसके लिए तैयार नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक बार फिर बुधवार को आंदोलन स्थल पर कैंप लगाया। यहां पर टीम वैक्सीन लेकर बैठी रही। करीब 150 किसानों से संपर्क भी किया, पर एक ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई। इनमें से करीब 30 ने तो यह जवाब दिया कि उन्होंने वैक्सीन की पहली डोज अपने गांव में ले रखी है। अब दोबारा गांव में जाएंगे तो वहां दूसरी डोज भी लगवा लेंगे। हालांकि ऐसा है या नहीं, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई। जबकि, बाकी किसानों ने सीधे तौर पर मना कर दिया कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे।

प्रदर्शन के चलते रफ्तार पकड़ सकता है संक्रमण

तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच में भारी संख्या में बार्डरों पर बैठे प्रदर्शनकारियोंकी वजह से कोरोना और ज्यादा तेजी से फैल सकता है। यहां पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के प्रदर्शनकारी बैठे हैं। प्रतिदिन धरनास्थल के पास से काफी संख्या में लोग पैदल गुजरते हैं। प्रदर्शनकारी खुद तो कोरोना की चपेट में आएंगे ही, साथ ही दूसरों की जान को भी जोखिम में डाल सकते हैं। 

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