चुनाव प्रचार में दीपेंद्र की पसंद चूरमा और दूध

नेताओं और प्रत्याशियों के खाने सोने सैर व योग करने का शेड्यूल भी बिगड़ गया है। इसके बावजूद नेता व प्रत्याशी सेहत का ध्यान रख रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 06:59 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 06:59 PM (IST)
चुनाव प्रचार में दीपेंद्र की पसंद चूरमा और दूध
चुनाव प्रचार में दीपेंद्र की पसंद चूरमा और दूध

जागरण संवाददाता, गोहाना : बरोदा हलका के उपचुनाव के प्रचार में विभिन्न दलों के नेता और कार्यकर्ता कड़ी मेहनत कर रहे हैं। नेताओं और प्रत्याशियों के खाने, सोने, सैर व योग करने का शेड्यूल भी बिगड़ गया है। इसके बावजूद नेता व प्रत्याशी सेहत का ध्यान रख रहे हैं। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा चुनाव प्रचार के दौरान चूरमा और दूध पसंद कर रहे हैं। वह कार्यकर्ताओं द्वारा घर से बनाकर लाया चूरमा खा रहे हैं। इसी तरह से भाजपा के प्रत्याशी पहलवान योगेश्वर दत्त गांव बलि ब्राह्मणन स्थित अपनी अकादमी में खिलाड़ियों के साथ ही नाश्ता करके चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़ते हैं।

बरोदा उपचुनाव में 16 अक्टूबर को नामांकन प्रक्रिया पूरी होते ही विभिन्न दलों के प्रत्याशी व नेता मैदान में हैं। भाजपा, कांग्रेस, इनेलो नामांकन के दिन ही होने से चुनाव प्रचार का समय मिल मिला है। इसी के चलते प्रत्याशी व नेता चुनावी मैदान में खूब मेहनत कर रहे हैं। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस प्रत्याशी इंदुराज नरवाल के प्रचार के लिए काफी सक्रिय हैं। वह रोजाना सुबह ही बरोदा के चुनाव मैदान में कूद पड़ते हैं। उनके नाश्ते की शुरुआत भी चूरमा और दूध से होती है। हुड्डा गांवों में प्रचार के दौरान किसी कार्यकर्ता या नेता के घर चाय या खाना नहीं ले रहे हैं। कार्यकर्ता उनकी पसंद को ध्यान में रखकर घर से चूरमा बनवा कर लाते हैं और गाड़ी में दे देते हैं। वह गाड़ी में ही चूरमा खाते हैं। कार्यकर्ता जगह-जगह उन्हें अपने हाथों से चूरमा खिलाते हैं और दूध पिलाते हैं।

भाजपा के प्रत्याशी पहलवान योगेश्वर दत्त रोजाना अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत और समापन गांव बलि ब्राह्मणन स्थित अपनी कुश्ती अकादमी से करते हैं। रोजाना सुबह अकादमी में खिलाड़ियों के लिए जो खाना तैयार होता है उसी से ही योगेश्वर दत्त नाश्ता करते हैं और उसके बाद चुनावी मैदान में कूद पड़ते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी इंदुराज नरवाल भी चुनाव प्रचार के दौरान ही नाश्ता और दोपहर में खाना लेते हैं। नेता तले हुए भोजन से परहेज कर रहे हैं। चुनाव प्रचार का समय कम बचा होने के चलते नेता व प्रत्याशी सैर व योग के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं।

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