बाबा जिंदा मेले में उमड़े श्रद्धालु, मांगीं मन्नतें

गन्नौर के गांव मोई स्थित ऐतिहासिक तीर्थ बाबा जिंदा के मेले में दूसरे दिन श्रद्धालुओं का हुजूम उमूड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:46 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:46 PM (IST)
बाबा जिंदा मेले में उमड़े श्रद्धालु, मांगीं मन्नतें
बाबा जिंदा मेले में उमड़े श्रद्धालु, मांगीं मन्नतें

संवाद सहयोगी, गन्नौर : गांव मोई स्थित ऐतिहासिक तीर्थ बाबा जिंदा के मेले में दूसरे दिन श्रद्धालुओं बाबा जिंदा की समाधि पर माथा टेककर अपने परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की। मंगलवार को बाबा जिदा पर लगे मेले में खिलौनों और मिठाइयों के स्टालों पर बच्चों व महिलाओं ने जमकर खरीदारी की, वहीं बच्चों ने झूलों का भी आनंद लिया। मेले में पुख्ता पुलिस व्यवस्था होने से श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। हालांकि, कोविड के चलते पिछले वर्ष मेला नहीं लगने से इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। डेरा के संचालक महंत बाबा बालकनाथ ने श्रद्धालुओं को उनके घर में सुख-शांति के लिए प्रसाद देकर आशीर्वाद दिया।

मेले में पहुंचने के लिए करनी पड़ी मशक्कत : मेले में काफी संख्या में भीड़ पहुंचने की वजह से मोई रोड पर जाम लगा रहा। ऐसे में श्रद्धालु बाबा जिंदा की समाधि स्थल से काफी दूर अपने वाहनों को खड़ा कर पैदल बाबा जिंदा के डेरे पर पहुंचे। कुछ लोग खेतों के रास्ते से होते हुए मेले में पहुंचे।

यह है पौराणिक कथा : डेरे के महंत बाबा बालकनाथ ने अनुसार करीब चार सौ वर्ष पहले घूमते हुए बाबा मस्तनाथ यहां से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने यहां पर एक चरवाहे को पशु चराते देखा। उन्होंने चरवाहे से कहा कि मुझे खीर खानी है, तुम मेरे लिए खीर बनाओ। इस पर चरवाहे ने बाबा से कहा कि महाराज इनमें से तो कोई भी भैंस दूध नहीं देती तो भला खीर कैसे बनेगी। तभी बाबा ने उन्हें आदेश दिया कि जाओ किसी भी भैंस के नीचे बैठकर दूध निकाल लो। बाबा का आदेश पाकर चरवाहे ने एक भैंस का दूध निकाला और बाबा के लिए खीर बनाई। चरवाहे ने बाबा के चमत्कार से प्रभावित होकर संन्यास लेने का मन बना लिया और उन्होंने बाबा से आग्रह किया कि उन्हें भी अपनी शरण में ले लें। तब बाबा मस्तनाथ ने उसे आशीर्वाद दिया कि समय आने पर तुम जमीन के अंदर समाधि लोगे और लोग यहां आकर मत्था टेकेंगे। उसके बाद एक दिन उस चरवाहे ने इस स्थान पर अपनी भाभी के साथ समाधि ली।

गुड़ और झाड़ू चढ़ाकर मांगीं मन्नतें : मेले के दूसरे दिन काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने गुड़ और झाडू चढ़ाकर मन्नतें मांगीं। मान्यता है कि पशुओं में किसी भी तरह की बीमारी हो या फिर मनुष्य किसी भी तरह से परेशान हो तो बाबा जिंदा की समाधि पर सवा पांच किलो गुड़ और झाडू चढ़ाकर आशीर्वाद लिया जाता है। मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु यहां आकर गुड़ और दूध चढ़ाते हैं।

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