पांच साल में रोपे गए सवा चार लाख पौधे, 70 फीसद बन गए पेड़

पर्यावरण बचाने के लिए लगाए गए 70 फीसद पौधे ही पेड़ बन पाते हैं। देखभाल के अभाव में 30 फीसद पौधे लगाने के चंद दिनों में ही सूख जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 07:07 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 06:15 AM (IST)
पांच साल में रोपे गए सवा चार लाख पौधे, 70 फीसद बन गए पेड़
पांच साल में रोपे गए सवा चार लाख पौधे, 70 फीसद बन गए पेड़

जागरण संवाददाता, सोनीपत : पर्यावरण बचाने के लिए लगाए गए 70 फीसद पौधे ही पेड़ बन पाते हैं। देखभाल के अभाव में 30 फीसद पौधे लगाने के चंद दिनों में ही सूख जाते हैं। बीते पांच साल में सोनीपत जोन में वन विभाग की ओर से 4 लाख 24 हजार 800 पौधे लगाए जा चुके हैं। इनमें से 70 फीसद पौधे अब पेड़ बन चुके हैं। विभाग ने इन बीते सालों में नीम, शीशम, जामुन, पीपल, बरगद, पिलखन, पापड़ी व गुलमोहर के पौधे लगाए थे। वहीं, इस वर्ष सोनीपत जोन में 67 हजार पौधे रोपे जा चुके हैं जबकि एक लाख पौधे ग्राम पंचायतों और स्कूलों में बांटे जाने हैं।

विभाग की ओर से हर साल पौधारोपण का लक्ष्य रखा जाता है। विभाग आमतौर पर बारिश के मौसम में पौधारोपण अभियान चलता है। इस दौरान विभाग विभिन्न गांवों, सड़कों के किनारे, खेतों व अन्य खाली जगहों पर पौधे लगाता है। वन विभाग अपनी नर्सरियों में पौधे तैयार करता है। जिला में आमतौर पर नीम, पीपल, बरगद, जामुन, पापड़ी, गुलमोहर के पौधे लगाए जाते हैं। इसके बाद पंचायतों, स्कूलों व विभिन्न विभागों, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रही संस्थाओं के साथ मिलकर पौधारोपण करता है। सोनीपत जोन के रिकॉर्ड के मुताबिक 2015-16 से लेकर अब तक 4 लाख 24 हजार 800 पौधे लगाए जा चुके हैं। मुरथल रोड, गोहाना रोड, गोहाना रोड बाइपास पर चार साल पहले लगाए गए पौधे अब पेड़ बन चुके हैं। इस वर्ष अब तक 67 हजार पौधे रोपे जा चुके हैं। वहीं, एक लाख पौधे पंचायतों, स्कूलों व विभिन्न विभागों को दिए जाने की तैयारी है। वर्ष संख्या

2015-16------- 1 लाख 31 हजार 800

2016-17--------64 हजार 450

2017-18--------60 हजार

2018-19--------1 लाख

2019-20--------68 हजार 550

भौगोलिक स्थिति व मिट्टी की प्रकृति के हिसाब से पौधे लगाए जाते हैं। नीम,पीपल, बरगद, पापड़ी, जामुन जैसे पौधे यहां जल्द वृद्धि करते हैं। इन पौधों में से 100 में से 70 फीसद पेड़ बन जाते हैं। देखभाल के लिए पंचायतों व विभागों की भी मदद ली जाती है। क्षेत्र में पेड़ों की संख्या अन्य जिलों के लिहाज से अच्छी-खासी है।

- सुरेंद्र डांगी, जोन ऑफिसर, सोनीपत

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