रोहतक डिस्ट्रीब्यूट्री में छोड़ा गया कम पानी
सिचाई विभाग द्वारा रोहतक डिस्ट्रीब्यूट्री में कम पानी छोड़ा गया। कम पानी छोड़ने से जलघरों में क्षमता से आधा ही पानी भंडारण हो सका। क्षमता के अनुसार पानी भंडारण नहीं होने से शहर व कई गांवों में पेयजल की समस्या आ सकती है। जनस्वास्थ्य विभाग पेयजल की समस्या से निपटने के लिए तैयार है।
संवाद सहयोगी, गोहाना: सिचाई विभाग द्वारा रोहतक डिस्ट्रीब्यूट्री में कम पानी छोड़ा गया। कम पानी छोड़ने से जलघरों में क्षमता से आधा ही पानी भंडारण हो सका। क्षमता के अनुसार पानी भंडारण नहीं होने से शहर व कई गांवों में पेयजल की समस्या आ सकती है। जनस्वास्थ्य विभाग पेयजल की समस्या से निपटने के लिए तैयार है।
सिचाई विभाग के एसडीओ बिजेंद्र दूहन का कहना कि किसानों की मांग के अनुसार नहरों में पानी छोड़ा जाता है। इस बार बरसात के मौसम में बारिश बहुत हुई थी, जिससे जमीन में नमी बनी हुई है। गेहूं की बोआई चली हुई है। किसानों को खेतों में पानी सिचाई की ज्यादा आवश्यकता नहीं थी, इसलिए रोहतक डिस्ट्रीब्यूट्री में पानी कम छोड़ा गया था। 18 से 25 नवंबर तक डिस्ट्रीब्यूट्री में पानी छोड़ा गया था। डिस्ट्रीब्यूट्री में पानी कम आने से शहर के मुख्य जलघर के टैंक क्षमता से 50 प्रतिशत ही पानी का भंडारण हो पाया।
गोहाना शहर के मुख्य जलघर में दो बड़े टैंक बने हुए हैं। इन्हीं टैंकों से शहर में पानी की सप्लाई दी जाती है। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जलघर में दो बड़े टैंक बने हैं, जिसमें एक टैंक में क्षमता से आधा ही पानी भंडारण हो सका। ऐसे में विभाग के पास करीब 20 दिन की सप्लाई का पानी ही भंडारण हो पाया है। उसके बाद शहर में पानी की समस्या गहरा सकती है। विभाग के अधिकारियों ने पानी संरक्षित करने की अपील की है। शहर में पानी की समस्या नहीं आने दी जाएगी। हमारे पास टैंकों के अलावा दो बड़े ट्यूबवेल भी हैं। ट्यूबवेलों से पानी सप्लाई दी जा सकती है। फिर भी लोगों को पानी को व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए। टंकी भरने के बाद नलों को बंद कर दे और नलों को खुला न छोड़े। पानी अनमोल है इसको संरक्षित करना हमारा फर्ज है।
- विक्रम सिंह मोर, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग, गोहाना