मेडिकल कालेज की जर्जर सड़कों का मुद्दा विस की शिक्षा समिति तक पहुंचा

गांव खानपुर कलां स्थित बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कालेज के अस्पताल के परिसर में जर्जर सड़कों के सुधार की तरफ लंबे समय से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जर्जर सड़कों के लिए कई माह पहले करीब 16 करोड़ रुपये के प्रस्ताव तैयार करके मुख्यालय भेज जा चुके हैं लेकिन बजट मंजूर नहीं हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 06:13 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 06:13 PM (IST)
मेडिकल कालेज की जर्जर सड़कों का मुद्दा विस की शिक्षा समिति तक पहुंचा
मेडिकल कालेज की जर्जर सड़कों का मुद्दा विस की शिक्षा समिति तक पहुंचा

जागरण संवाददाता, गोहाना : गांव खानपुर कलां स्थित बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कालेज के अस्पताल के परिसर में जर्जर सड़कों के सुधार की तरफ लंबे समय से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जर्जर सड़कों के लिए कई माह पहले करीब 16 करोड़ रुपये के प्रस्ताव तैयार करके मुख्यालय भेज जा चुके हैं, लेकिन बजट मंजूर नहीं हुआ है। जर्जर सड़कों का मामला विधानसभा (विस) की शिक्षा समिति तक पहुंच गया है। समिति में शामिल विधायकों ने जल्द सड़कों का सुधार करवाने का आश्वासन दिया है।

गांव खानपुर कलां में 2011 में बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कालेज और अस्पताल शुरू हुआ था। संस्थान परिसर गोहाना-गन्नौर रोड और आसपास के खेतों से नीचा है। बारिश में संस्थान की सड़कें तालाब बन जाती हैं। बारिश के मौसम में लंबे समय तक जलभराव रहने से संस्थान परिसर में अधिकतर सड़कें टूट चुकी हैं। सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क यह देख कर समझ नहीं आता है। सड़कों की कई साल से मरम्मत नहीं हुई है। मेडिकल कालेज प्रशासन द्वारा सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी जा चुकी है। सड़कों की मरम्मत और नवनिर्माण के लिए कई माह पहले करीब 16 करोड़ के प्रस्ताव तैयार करके मुख्यालय भेजे गए थे। वहां फाइलें लटकी हैं और बजट मंजूर नहीं हुआ है। दो दिसंबर को राज्य सरकार द्वारा विधायकों की गठित शिक्षा समिति का प्रतिनिधिमंडल मेडिकल कालेज के दौरे पर पहुंचा था। समिति की अध्यक्ष और विधायक सीमा त्रिखा के समक्ष मेडिकल कालेज के अधिकारियों ने जर्जर सड़कों का मुद्दा उठाया था। अधिकारियों ने जल्द सड़कों के निर्माण की मांग की थी। समिति ने जल्द सड़कों के सुधार का वादा किया था। मेडिकल कालेज में सड़कों का सुधार कब शुरू होगा फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है। जर्जर सड़कों से हो रही है परेशानी

मेडिकल कालेज के अस्पताल में रोजाना औसतन दो हजार लोग उपचार के लिए पहुंचते हैं। कालेज में सैकड़ों छात्राएं एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई कर रही हैं। संस्थान में अधिकारियों व कर्मचारियों के आवासीय भवन बने हैं। आवासीय भवनों में सैकड़ों अधिकारी, चिकित्सक और कर्मचारी परिवारों के साथ रहते हैं। जर्जर सड़कों के चलते मरीजों, अधिकारियों, चिकित्सकों और कर्मचारियों को परेशानी हो रही है।

सड़कों के सुधार के लिए प्रस्ताव मुख्यालय भेजे गए हैं। मुख्यालय के अधिकारियों से समय-समय पर संपर्क किया जा रहा है। जल्द बजट मंजूर हो जाएगा, जिसके बाद सड़कों का निर्माण होगा।

डा. राजीव महेंद्रू, निदेशक, बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कालेज

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